वर्ल्ड नो टोबेको डे पर जे एस पी एल फाउंडेशन ने तम्बाखू छोड़ने चलाया अभियान
वर्ल्ड नो टोबेको डे पर जे एस पी एल फाउंडेशन ने तम्बाखू छोड़ने चलाया अभियान
कार्यस्थल , ट्रकर्स पाइंट , बसों व 08 ग्रामों में हुए जागरूकता कार्यक्रम से 110 लाभान्वित रायगढ़ -तम्बाखू के सेवन को रोकने और तम्बाखू के कारण सेहत को होने वाले नुकसान के बारे में लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से आज 31 मई को विश्व तम्बाखू निषेध दिवस मनाया जाता है। जे एस पी एल के चेयरमेन नवीन जिंदल स्वयं एक श्रेष्ठ खिलाडी हैं और स्वस्थ सेहत के प्रति स्वयं सजग रहते हैं एवं सभी लोगों को नशे से दूर रहने की सलाह देते हुए स्वस्थ जीवन के लिए सदैव प्रेरित करते है। जे एस पी एल फाउंडेशन उनके इन्ही सोंच के क्रियान्वयन में आज वर्ल्ड नो टोबेको डे पर ट्रकर्स -हेल्पर्स , श्रमिकों ,कर्मचारी सहित आस-पास के ग्रामों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर लोगों को तम्बाखू से होने वाले खतरों के प्रति आगाह किया गया।
जे एस पी एल फाउंडेशन द्वारा विश्व तम्बाखू निषेध दिवस के अवसर पर आज पुरे दिन सयंत्र परिसर सहित आस-पास के क्षेत्रों में लोगों को तबाखु के हानिकारक प्रभावों के प्रति जागरूक किया गया। इस क्रम में ट्रांसपोर्ट नगर गोरखा के ट्रक ड्राइवर एवं हेलपर्स , सयंत्र के श्रमिकों को उनके कार्यस्थल एवं ड्यूटी करने आ रहे श्रमिकों को बसों पर ही तम्बाखू के सेवन से होने वाले दुष्परिणामों के प्रति आगाह किया गया।इसके अलावा ग्रामीण स्वास्थ्य कार्यक्रम वात्सल्य के अंतर्गत गांवों में सेवा दे रही स्वास्थ्य संगिनियों ने 08 ग्रामों में महिलाओं को जागरूक किया ताकि वे अपने घरों व पड़ोस सहित गांव में लोगों को इसके दुष्परिणामों के प्रति जागरूक कर सकें। विश्व तम्बाखू निषेध दिवस पर इस वर्ष की थीम ” तम्बाखू छोड़ने के लिए प्रतिबद्ध” लोगों को स्वस्थ जीवन के लिए धूम्रपान, तम्बाखू छोड़ने के लिए प्रोत्साहित करता है। कोविद -19 महामारी की वजह से कोई जनजागरूकता अभियान करने के बजाय लोगों को टुकड़ियों में जागरूक किया गया। उपरोक्त जागरूकता कार्यक्रम से लगभग 110 लोग लाभान्वित हुए।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार धूम्रपान एवं तम्बाखू से अपने फेफड़ों को नुक्सान पहुँचाने वाले लोगों को कोरोना से मौत का खतरा 50 फीसदी अधिक होता है। धूम्रपान की वजह से कैंसर ,दिल की बीमारी ,और सांस की बिमारियों का जोखिम भी बढ़ जाता है और इम्युनिटी सिस्टम भी कमजोर होता है । इस महामारी के दौरान संक्रमितों के लिए तम्बाखू का सेवन घातक साबित हो सकता है ,इसलिए आवश्यक की अपने फेफड़ों की सेहत की खातिर धूम्रपान अथवा तम्बाखू उत्पादों का सेवन छोड़ें ।