न्याय की पहली किस्त से किसानों को मिलेगी राहत – संजय चौधरी
न्याय की पहली किस्त से किसानों को मिलेगी राहत – संजय चौधरी
सरायपाली – छत्तीसगढ़ सरकार राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत 22 लाख किसानों के खातों में 1500 करोड़ रुपये उत्पादकता प्रोत्साहन राशि प्रति एकड़ दस हज़ार रुपये की पहली किस्त पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी जी के पुण्यतिथि 21 मई को किसानों को देगी।
छत्तीसगढ़ सरकार के इस फैसले पर संजय चौधरी अध्यक्ष युवा कांग्रेस सरायपाली ने मुख्यमंत्री भुपेश बघेल,कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे एवं मंत्री मण्डल के उपसमिति का आभार व्यक्त करते हुए कहा
केंद्र सरकार की तमाम अड़चनों के बाद भी राज्य सरकार ने विपरीत परिस्थितियों में भी किसानों के पक्ष में इस फैसलें का स्वागत करते हैं
इस कोरोना के संकट काल में छत्तीसगढ़ सरकार का यह फैसला किसानों के लिए निश्चित रूप से वरदान साबित होगा। सरकार ने किसानों के हित में और भी अनेक फैसले लिये हैं अब धान, गन्ना, मक्का,की खेती करने वाले किसानों की साथ साथ तिलहन,दलहन,कोदो,कुटकी,रागी,रामतिल आदि के किसानों को भी इस योजना से लाभान्वित किया जाएगा ।
छत्तीसगढ़ सरकार ने नवम्बर 2018 से खरीफ़ फसल सहित रवि फसल 2021 तक 15 लाख किसानों का जल कर माफ कर दिया है जो निश्चित तौर पर किसान हित में लिया गया फैसला है,कांग्रेस सरकार ने तेन्दूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक दर 25 सौ रूपए प्रति मानक बोरा से बढ़ाकर चार हजार रूपए करने का निर्णय लिया गया है।
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार हमेशा से ही गरीबों किसानों की हितैशी साबित हुई है।
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पदभार ग्रहण करते ही 2 घंटे के भीतर किसानों की कर्जमाफी की कारवाई पूरी की थी 18 लाख किसानों के 9000 करोड़ के अल्पकालीन ऋण माफ किए. जलकर के रूप में 18 लाख किसानों का 244 करोड़ रुपए का कर्ज भी माफ किया था
चौधरी जी ने केंद्र सरकार को आड़ेहाथों लेते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण से गुजर रहे किसानों के सामने एक और आफत आ गई है। केंद्र सरकार ने खाद की कीमतों में भारी बढ़ोतरी कर दी है। 58 प्रतिशत की वृद्धि कर किसानों को कर्जदार बनाने का काम केंद्र की सरकार कर रही है। डीएपी की कीमत 1,200 से 1,900 रुपये, एनपीके की कीमत 1,175 से बढ़ाकर 1,775 रुपये, एनपीएस की कीमत 925 से बढ़ाकर 1350 रुपये कर दी गई है
इसी प्रकार कृषि उपकरणों की कीमतों में भी केंद्र सरकार ने वृद्धि कर दी है जिस देश मे 80 प्रतिशत से अधिक कृषक सीमांत और लघु हैं, जिनके पास पांच एकड़ से कम जमीन है और जो बमुश्किल अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति कर पाते हैं। खाद और कृषि उपकरणों की कीमतों में बढ़ोतरी से इनकी परेशानी बढ़ जाएगी केंद्र सरकार को तत्काल खाद के दाम में बढ़ोत्तरी का फैसला वापस लेना चाहिए।