कोरबा

कोरोना से लड़ाई में महिला समूह भी बने प्रशासन के सहभागी, दवाई किट बनाकर दे रहे सहयोग

कोरोना से लड़ाई में महिला समूह भी बने प्रशासन के सहभागी, दवाई किट बनाकर दे रहे सहयोग

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48 महिलाओं ने छह दिनों में लगभग 40 हजार दवाई किट तैयार की

कलेक्टर श्रीमती कौशल ने सेवा भाव की सराहना की, जताया आभार
कोरबा -जिले में बढ़ते कोरोना संक्रमण की रफ्तार थामने के लिए जिला प्रशासन का सहयोग करने में महिला स्वसहायता समूह की सदस्य भी पीछे नहीं हैं। अपनी क्षमता के अनुसार जिले के स्वसहायता समूह कोरोना से लड़ाई में प्रशासन के सहभागी बन रहे हैं। ऐसे ही महिला समूहों की 48 महिलाएं पिछले छह दिनों से कोविड के ईलाज में दी जाने वाली दवाईयों के किट बनाने में लगी हैं। पूरी तरह से कोविड से लड़ाई में सेवा भाव से भागीदारी सुनिश्चित करने वाली इन महिलाओं ने पिछले छह दिनों में ही 40 हजार दवाई किट तैयार कर ली है। दवाईयों के किट बनाने के इस महत्वपूर्ण काम में जिला पंचायत की आजीविका मिशन शाखा से जुड़े महिला समूह आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ लगातार लगे हैं। महिलाओं द्वारा बनाई गई दवाई किटों में से लगभग 35 हजार दवा किटों का वितरण कोविड के सामान्य लक्षण वाले मरीजों और लक्षणात्मक संदिग्ध लोगों को वितरित भी की जा चुकी हैं। ओम गायत्री स्वसहायता समूह बुंदेली और सरस्वती स्वसहायता समूह बुंदेली की महिलाएं महिला एवं बाल विकास विभाग की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और महिला समूहों की दूसरी सदस्यों के साथ दवाई किट बनाने के काम में लगातार लगी हैं।

सजगता से दवाई किट बनाते देख कलेक्टर भी हुईं अचंभित, सेवा भाव के लिए जताया आभार – कलेक्टर श्रीमती किरण कौशल ने आज जिला पंचायत के संसाधन केंद्र में बनी दवाई किट निर्माण ईकाई का अवलोकन किया। ग्रामीण परिवेश से आईं स्वसहायता समूह की महिलाओं द्वारा पूरी सजगता से दवाईयों के पैकेट बनाते देख कलेक्टर ने भी आश्चर्य व्यक्त किया। उन्होने इन महिलाओं से बात की और उनके इस सेवाभावी काम के लिए उनकी सराहना की। कलेक्टर ने कोरोना महामारी के दौर में जिला प्रशासन का सहयोग करने के लिए महिला समूहों का आभार जताया। कलेक्टर ने कहा कि ग्रामीण परिवेश से आई इन महिलाओं ने बड़ी तेजी से इंग्लिश में लिखे दवाओं के नाम आदि को जान-पहचान लिया है। महिलाएं पूरी सजगता से निर्धारित दवाई और उसकी बताई गई संख्या ही पैकेट में डाल रही हैं। किसी भी पैकेट में किसी भी दवाई के निर्धारित संख्या से अधिक पत्ते नहीं मिले हैं। यह काम महिलाओं की नैसर्गिक सेवा भावना और प्रवृत्ति को दर्शाता है। कलेक्टर ने सभी महिलाओं का इस पुनीत काम के लिए धन्यवाद एवं आभार ज्ञापित किया। इस दौरान जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी कुंदन कुमार, नगर निगम आयुक्त एस.जयवर्धन भी मौजूद रहे।

कोरोना की लड़ाई में सेवा भाव से शामिल होना ही लक्ष्य – माँ सरस्वती स्वसहायता समूह बुंदेली की सदस्य श्रीमती फुलेश्वरी पटेल कहती हैं कि कोरोना के इस दौर में जब लोग अपनों से ही दूर भाग रहे हो, मरीजों के लिए दवाईयों के पैकेट बनाकर देने से ही मन को संतुष्टि मिल रही है। हम यह काम पैसे कमाने के लिए नहीं बल्कि कोरोना से लड़ाई में अपनी सहभागिता के लिए कर रहे हैं। जिला प्रशासन से दवाईयां और सुविधाएं मिली हैं तो हमारा काम आसान हो गया है। वहीं ओम गायत्री स्वसहायता समूह की सदस्य धनिया बाई ने कहा कि हमारे हाथों से बने दवाओं के पैकेट से दवा खाकर एक भी कोरोना मरीज ठीक हो जाता है तो हम अपनी मेहनत को सार्थक मानेंगे। वे कहती हैं कि कोरोना को हराने के लिए हमें प्रशासन ने यह मौका दिया है और हम सभी महिलाएं अपनी पूरी ताकत से इस मौके का फायदा उठायेंगे। अधिक से अधिक लोगों तक दवाएं पहुंचाने के लिए हम जरूरत पड़ी तो देर रात तक भी काम करेंगे।
छह दिन में बनाये 40 हजार पैकेट – जिले में कोरोना के दिन-प्रतिदिन पाॅजिटिव प्रकरणों की कांटेक्ट ट्रेसिंग से संदिग्ध मरीजों की पहचान का काम तेजी से किया जा रहा है। गांव और शहरों में कंटेनमेंट जोनों में भी लगातार घर-घर सर्वे के जरिए कोविड के लक्षणों वाले लोगों की पहचान की जा रही है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग तथा आईसीएमआर के दिशा निर्देशों के अनुसार ऐसे सभी लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाने और उनका ईलाज करने के लिए दवाईयां दी जा रही हैं। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के दिशा निर्देशों के अनुसार सामान्य रूप से संक्रमित लोगों में संक्रमण को बढ़ने से रोकने और संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने वाले लोगों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए एक ही प्रकार की दवाओं का उपयोग करना होता है। जिले में महिला स्वसहायता समूहों की यह महिलाएं और आंगनबाड़ी की कार्यकर्ता इन्हीं दवाओं के किट तैयार कर रही हैं। महिलाओं ने पिछले छह दिनों में लगभग 40 हजार दवा किट तैयार कर दिये हैं। हर दिन महिलाओं की दवा किट तैयार करने की क्षमता लगातार बढ़ती जा रही है। इनमें से लगभग 33 हजार दवा किट जनपद पंचायतों और नगरीय क्षेत्रों में कोविड मरीजों और संदिग्ध कोविड लोगों को वितरित भी कर दी गई हैं। दवाईयों के किट बनाने के लिए इन महिलाओं को दवाएं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय से उपलब्ध कराई जाती हैं। महिलाएं दो शिफ्टों में सुबह 09 बजे दो बजे तक और दो बजे से शाम 06 बजे तक दवा पैकेट बनाने का काम कर रहीं हैं। स्वास्थ्य विभाग के द्वारा महिलाओं को दवाओं के किट बनाने का, दवा के डोज अनुसार पैकेट में गोलियों की संख्या आदि सभी की जानकारी दी गई है। दवाओं के किट छोटे जीपर पाॅलिथीन पैक में तैयार किये जाते है। हर किट में दवाओं और उनके डोज, खाने के दिन और खाने के तरीके लिखी पर्ची भी डाली जा रही है ताकि मरीज उसे पढ़कर दवाओं का सही ढंग से उपयोग कर सके।

एक किट में विटामिन सी की 10 गोलियां, पांच जिंक टेबलेट, पांच आईवर मैक्टिन टेबलेट, एक पत्ता पैरासिटामाॅल टेबलेट, 10 डॅाक्सीसाईक्लीन कैप्सूल और पांच विटामिन डी के सैसे डाले जा रहे हैं। किट में पड़े लीफलेट में दूसरी तरफ कोरोना संक्रमण से बचने और उसे फैलने से रोकने के उपाय भी प्रदर्शित किये गये हैं।

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Gopal Krishna Naik

Editor in Chief Naik News Agency Group

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