खरसिया । इको पार्क रामझरना जा रहे है तो जरा हो जाएं सावधान
रायगढ़ जिला मुख्यालय से पश्चिम दिशा की ओर लगभग 18 कि.मी. प की दुरी पर इको पार्क रामझरना है। प्राकृतिक जल का झरना है जिसका बहुत ही एतिहासिक महत्व है। भगवान राम अपने वनवास के समय यहाँ आए थे माता सीता को प्यास लगा था तो भगवान राम ने तीर चला कर कुंड से जलधारा का उद्गम हुआ… इस झरने का जल ग्रहण किये थे ऐसा क्यू दंती बड़े बुजुर्ग से चर्चा के दौरान मिलता है इसीलिए इसका नाम रामझरना पडा।
उक्त रामझरना में आसपास से पर्यटक पिकनिक मनाने व घुमने अक्सर यहाँ प्राकृतिक सौंदर्य के बीच छुट्टी मनाने आते रहते हैं। अन्य दिनों की भांति आज भी यहाँ गढकुर्री निवासी कक्षा 7 वीं की छात्रा दिव्या, पिता – परदेशी यादव यहाँ घुमने सहेलियों के साईकिल पर आई हुई थी, घुमने के दौरान वो रामझरना कुंड के पास से गुजर रही थी, तभी अचानक उसके हाथ में रखी कुरकुरे का पैकेट कुंड के पास गिर गया, जिसे उठाने वो कुंड के अन्दर चली गई, जहाँ कुंड में लगे जालीदार अवरोधक में उसका पैर फंस गया।
देखते ही देखते वहां अफरा-तफरी का माहौल निर्मित हो गया. आनन – फानन में वन कर्मियों एवं
भुपदेवपुर थाना के एसआई कमल किशोर पटेल के सहयोग और सहायता से कुण्ड के जाली में फंसे बायाँ पैर सुरक्षित बाहर निकाला गया ।
ईको पार्क वन प्रशासन हो गए हैं लपवाह
आपको बता दें की उक्त पर्यटक स्थल रामझरना में पूर्व में भी एक न्यायाधीश की बिटिया का पैर फंस चुका है कई घटनाएं घटित हो चुका है, पर्यटक स्थल पर आए नौनिहालों की सुध नहीं ले पा रहा है वन अमला, पिछले दिनों इसी कुंड के आसपास मधुमक्खी हमला में बाल-बाल बचे थे नौनिहाल.बावजूद हुए चुक से सीख नहीँ ले रहा वन अमला इस मामले में सुध ले लिए होते तो घटनाक्रम का पुनरावृत्ति न होता. न ही कुंड के जाली के आसपास कोई बेरीकेट बनाया जा रहा है. नौनिहालो के लिए इको पार्क रामझरना सुरक्षित किया जाता है तो पर्यटको के संख्या में इजाफा होता और राजस्व बढ़ाता शायद वन प्रशासन को किसी बड़ी घटना का इंतज़ार है.