रायपुर। रेप के आरोपी IAS जेपी पाठक का सस्पेंशन खत्म कर दिया गया है। कैट के आदेश के बाद राज्य सरकार ने निलंबन खत्म करने का आदेश दिया है। 2007 बैच के IAS अफसर जनक प्रसाद पाठक पर जांजगीर कलेक्टर रहते हुए महिला से रेप का आरोप लगा था। इस मामले में महिला की शिकायत पर FIR दर्ज की गयी थी, जिसके बाद राज्य सरकार ने पिछले साल 4 जून 2020 को जेपी पाठक को सस्पेंड करने का आदेश दिया था।
इस आदेश के खिलाफ जेपी पाठक कोर्ट चले गये थे। कैट में हुई सुनवाई के बाद 9 फरवरी 2021 को कैट ने जेपी पाठक के निलंबन को बहाल करने का आदेश दिया था।
कैट के आदेश के बाद अब राज्य सरकार ने भी उनके सस्पेंशन को खत्म करने का निर्देश जारी कर दिया है। जीएडी ने अपने अपने आदेश में कहा है कि जेपी पाठक के सस्पेंशन पीरियड के बारे में राज्य सरकार अलग से निर्णय देगी।
क्या था आईएएस जेपी पाठक पर आरोप
जांजगीर-चांपा जिले के पूर्व कलेक्टर जनक प्रसाद पाठक पर एक महिला ने दुष्कर्म का आरोप लगाया था। महिला के बयान व उससे मिले साक्ष्य के आधार पर कोतवाली पुलिस ने IAS जनक प्रसाद पाठक के खिलाफ दुष्कर्म कस केस दर्ज किया था। दुष्कर्म पीड़िता की ओर से जाति प्रमाण पत्र पेश किए जाने के बाद एट्रोसिटी की धारा भी जोड़ी गई थी। पाठक जांजगीर-चाम्पा के कलेक्टर रहते कलेक्टर चैंबर में रेप करने का गंभीर आरोप लगा था। हालांकि ये शिकायत तब दर्ज करायी गयी, जब प्रशासनिक फेबदल में उनका तबादला संचालक भू अभिलेख के पद पर किया गया था। जेपी पाठक पर काम दिलाने के बहाने बुलाकर दुष्कर्म करने का आरोप लगते ही नौकरशाही में हड़कंप मच गया था। महिला ने अपने आरोप में कहा था कि तत्कालीन कलेक्टर पाठक ने एनजीओ का काम दिलाने का झांसा दिया। 15 मई 2020 को कलेक्टोरेट के चेम्बर में बने रेस्ट रूम में शारीरिक संबंध बनाया था। पीड़िता ने यह भी आरोप लगाया था कि पाठक ने उसके साथ कई बार शारीरिक संबंध बनाया। पुलिस ने गिरफ्तारी के लिए पाठक के ठिकानों पर छापा भी मारा था।