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कांग्रेसी सांसद ने पाक की जेलों में बंद भारतीय मछुआरों का मुद्दा उठाया

गुजरात के कांग्रेस सांसद शक्ति सिंह गोहिल ने बुधवार को राज्यसभा में पाकिस्तान की जेलों में बंद मछुआरों के मुद्दे को उठाया. गोहिल ने कहा, गुजरात की समुद्री सीमाएं पाकिस्तान से लगती हैं पाकिस्तान की मरीन मछुआरों को गिरफ्तार कर उनकी नौकाओं को कब्जे में ले लेती है मछुआरों को जेल में डाल देती हैं. पाकिस्तान की कैद में 400 मछुआरे 1,100 जहाज हैं. उन्होंने सरकार से मछुआरों की रिहाई जहाजों को छुड़ाने के लिए कुछ करने का अनुरोध किया. उन्होंने पाकिस्तानी समुद्री सुरक्षा एजेंसी (एमएसए) द्वारा मछुआरों को पकड़े जाने से रोकने के लिए भारतीय बलों द्वारा गश्त बढ़ाने की भी मांग की.

रिपोर्टों के अनुसार भारत पाकिस्तान ने 2020 में कैदियों की सूची का आदान-प्रदान किया था. इसके अनुसार, 270 भारतीय मछुआरे 54 नागरिक पाकिस्तान की जेलों में हैं. इनमें से, लगभग 100 भारतीय मछुआरों ने पहले ही अपनी सजा पूरी कर ली है उनकी राष्ट्रीयता की भी पुष्टि हो गई है. मछली पकड़ने की नौकाओं को भी जब्त कर लिया जाता है जब मछुआरों को गिरफ्तार किया जाता है. ये नौकाएं उनकी आजीविका का प्राथमिक स्रोत होती हैं. भारतीय मछुआरों की 1,000 से अधिक मछली पकड़ने वाली नौकाओं को पाकिस्तान की समुद्री सुरक्षा एजेंसी ने कब्जे में ले रखा है.

साल 2016 में कराची की अदालत ने 66 भारतीय मछुआरों को जेल में डाला था
कराची की एक अदालत ने 66 भारतीय मछुआरों को शनिवार को जेल भेज दिया. इन मछुआरों को पाकिस्तानी जल सीमा में मछली पकड़ने के आरोप में शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया था. पुलिस ने अदालत से कहा कि भारतीय मछुआरों को अरब सागर में पाकिस्तानी जल सीमा में अवैध रूप से मछली पकड़ने को लेकर गिरफ्तार किया गया था. पाकिस्तान समुद्री सुरक्षा एजेंसी ने मछुआरों की पांच नौकाओं को भी जब्त किया है.

2016 में ही पाक ने रिहा किए थे 220 मछुआरे
पाकिस्तान तथा भारत एक दूसरे की जल सीमा में मछली पकड़ने को लेकर मछुआरों को गिरफ्तार करते रहते हैं, क्योंकि दोनों देशों की जल सीमा अच्छी तरह परिभाषित नहीं है जगह का पता लगाने की प्रौद्योगिकी के न होने से अक्सर मछुआरे एक दूसरे के क्षेत्र में प्रवेश कर जाते हैं. वहीं इसके 6 दिन पहले ही पाकिस्तान ने 25 दिसंबर को सद्भावना संकेत के रूप में 220 भारतीय मछुआरों को रिहा किया था.

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