‘बजट की घोषणाओं का भविष्य में होगा महत्वपूर्ण प्रभाव, पैदा होंगे रोजगार’
यूनियन बजट 2021-22 आजाद भारत के इतिहास का पहला पेपरलेस बजट था। महामारी के बाद के समय में भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करने की दृष्टि से 2021 का यह एक बहुप्रतीक्षित पॉलिसी डॉक्यूमेंट था। पिछले कुछ वर्षों में उद्यमशीलता को बढ़ावा देने और भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम के विकास को आकार देने में सरकार की भूमिका महत्वपूर्ण रही है। स्टार्टअप्स की परिभाषा को व्यापक बनाने, आय में छूट प्रदान करने और ‘फंड ऑफ फंड्स’ स्थापित करने जैसी नीतिगत पहलों का न केवल स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन प्रदान करने में बल्कि, रोजगार पैदा करने और नवाचार को प्रोत्साहित करने में भी खासा प्रभाव पड़ा है।
उल्लेखनीय है कि, कोविड-19 के बावजूद स्टार्टअप इकोसिस्टम ने रिज़िल्यन्स दिखाया है और 12 यूनिकॉर्न के उद्भव को देखा है। आत्मनिर्भर भारत पर ध्यान केंद्रित करने से भारतीय स्टार्टअप का उत्थान हुआ है। यूनियन बजट 2021-22 इन प्रयासों की निरंतरता को दर्शाता है।
सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क्स ऑफ इंडिया के महानिदेशक डॉ. ओंकार राय ने कहा, ‘बजट में कई ऐसी घोषणाएं हैं जिसका भविष्य में महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ने वाला है। प्रॉडक्ट से जुड़े इन्सेंटिव्स और नेशनल रिसर्च फाउंडेशन के लिए क्रमशः 1.97 लाख करोड़ और 50 हजार करोड़ की घोषणा की गई है। इससे ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ को बढ़ावा मिलने के साथ-साथ स्वदेशी उत्पादन को भी बढ़ावा मिलेगा। नेशनल रिसर्च फ़ाउंडेशन, रिसर्च को प्रोत्साहित करेगा और भारतीय स्टार्टअप इकोसिस्टम को मजबूती प्रदान करेगा। स्टार्टअप के मामले में भारत अभी तीसरे पायदान पर है। आने वाले समय में फाउंडेशन शोध, अनुसंधान और विकास के जरिए भारत को प्रौद्योगिकी हब बनाने में मदद करेगा। साथ ही, आईपीआर और इंटलेक्चुयल प्रोपर्टी भी बनाएगा।
स्टार्टअप के लिए बजट में ओपीसी प्रावधान की भी घोषणा की गई है जो छात्रों को स्टार्टअप में हाथ आजमाने और प्रवासी भारतीयों को इन कंपनियों में निवेश के लिए आकर्षित करने में सक्षम बनाएगा, इसलिए देश में निवेश के विकल्प बढ़ रहे हैं। नेशनल ट्रांसलेशन मिशन की स्थापना एक और महत्वपूर्ण कदम है जिसका उद्देश्य भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देना है। यह नई शिक्षा नीति-2020 में उल्लिखित मौखिक भाषा शिक्षण को भी बढ़ावा देगा। इस बजट में भारत के विकास को आगे बढ़ाने के लिए सभी आवश्यक तत्व हैं। सरकार ने लॉकडाउन के दौरान भी कई घोषणाएं कीं और अगर हम उन्हें एक साथ जोड़कर देखें तो आशाजनक लगते हैं।’
उन्होंने आगे कहा, ’31 मार्च, 2022 तक टैक्स हॉलिडे का डेडलाइन बढ़ाने से, जॉब सीकर्स की जगह जॉब क्रिएटर्स की भावना को बढ़ावा मिलेगा। डेटा एनालिटिक्स, एआई, एमएल-ड्रिवेन एमसीए 3.0 वर्जन और एमएसएमई के लिए एक विशेष ढांचे के रूप में एक ई-कोर्ट प्रणाली की शुरुआत की घोषणा, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और भारतीय स्टार्टअप को आगे बढ़ाने के लिए डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने की सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।’
सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क्स ऑफ इंडिया (एसटीपीआई) टीयर 2 और 3 शहरों में स्टार्टअप इकोसिस्टम को प्रोत्साहित करने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहा है। इस योजना का उद्देश्य देश भर में बीपीओ / आईटीईएस के संचालन के लिए 48,300 सीटों की स्थापना के जरिए टीयर 2 और 3 शहरों में एक आईटी इकोसिस्टम को बढ़ावा देना है। आईबीपीएस के तहत सरकार प्रति सीट के लिए कुल स्वीकार्य व्यय (कैपिटल / ऑपरेशनल) के 50% तक की वित्तीय सहायता प्रदान करती है, जहां प्रति सीट अधिकतम सीमा 1 लाख रुपया है।