एक और कोरोना टीके ‘कोवोवैक्स’ के लिए सीरम ने मांगी अनुमति
कोरोना वायरस से राहत पाने के लिए अब कई टीके आने वाले हैं। इन्हीं में से एक टीके के लिए पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने भारत सरकार से परीक्षण करने की अनुमति मांगी है। शनिवार को सीरम के सीईओ अदार पूनावाला ने बताया कि नोवावैक्स कंपनी के साथ कोवोवैक्स टीका के लिए करार किया गया है। अब तक इस पर हुए परीक्षण के परिणाम संतोषजनक मिले हैं। इसलिए भारत में इसके परीक्षण की अनुमति केंद्र सरकार से मांगी है।
इसके लिए कंपनी की ओर से एक आवेदन भी दिया गया है। वहीं ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सीरम से प्राप्त आवेदन पर पिछले सप्ताह ही विशेषज्ञ समिति (एसईसी) ने बैठक में विचार किया था लेकिन उस दौरान परीक्षण से जुड़े परिणाम मौजूद नहीं थे। इसलिए सीरम से ब्रिटेन में हुए परीक्षण की पूरी जानकारी मांगी है। इस जानकारी पर समीक्षा के बाद ही आगे का फैसला लिया जा सकता है।
89.3 फीसदी प्रभावी कोवोवैक्स
ब्रिटेन में कोवोवैक्स टीका पर मानव परीक्षण हुए हैं जिनमें इसका असर 89.3 फीसदी तक मिला है। सीरम के सीईओ अदार पूनावाला का कहना है कि अगर जल्द ही उन्हें इस पर भारत में परीक्षण की अनुमति मिल जाती है तो आगामी जून तक देश के पास एक और टीका उपलब्ध हो सकेगा। नोवावैक्स कंपनी के साथ 20 करोड़ खुराक के लिए सीरम ने करार किया है।
इससे पहले सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने एस्ट्रोजेनेका कंपनी के साथ भी करार किया था जिस पर भारत में परीक्षण के बाद कोविशील्ड टीका को तैयार किया था। हाल ही में सरकार ने 1.1 करोड़ कोविशील्ड टीका की डोज लेने के बाद 16 जनवरी को स्वदेशी टीका कोवैक्सिन के साथ टीकाकरण अभियान शुरू किया था।
टीका लगने के बाद दो माह तक न करें बच्चे की प्लानिंग
टीकाकरण के बीच स्त्री रोग विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि टीका लगवाने के बाद महिलाएं कम से कम दो माह तक बच्चे की प्लानिंग न करें। डब्ल्यूएचओ कह चुका है कि कुछ टीके गर्भवतियों के लिए सुरक्षित नहीं हो सकते हैं। हैदराबाद के रेंबो चिल्ड्रेन अस्पताल की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. सुमन सिंह ने बताया कि अगर गोई महिला टीका लगवा रही है तो कम से कम दो माह तो गर्भधारण से बचें। यूरोपीयन सोसाइटी ऑफ ह्यूमन रिप्रोडक्शन एंड एंब्रायोलॉजी इसकी तस्दीक करता है।