रायपुर। कोविड टेस्ट के लिए आरएनए एक्सट्रेशन किट के टेंडर में कथित घोटाले पर स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने आश्चर्य जताया है। मसला यह है कि स्वास्थ्य विभाग ने वर्तमान टेंडर पर एक भी किट लिया ही नहीं है तो कम रेट या ज़्यादा रेट का मसला ही अस्तित्व में नहीं आता।
दरअसल यह खबरें आई कि, छत्तीसगढ़ सरकार ने कोरोना जाँच किट 220 रुपए महँगी ख़रीदी हैं, स्वास्थ्य मंत्री के पास आकाश पी मिश्रा ने पत्र देकर किट ख़रीदी टेंडर में शर्तों का उल्लेख करते हुए दावा किया था कि, किट के लिए जो मांग की गई है उस पर जेनेटिक्स कंपनी का एकाधिकार है, वे उससे सस्ते दर वे किट उपलब्ध करा देंगे। टेंडर की अंतिम तिथि बढ़ाने के आग्रह के साथ 19 नवंबर को दिए इस पत्र को 19 नवंबर को ही स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने एसीएस स्वास्थ्य विभाग को भेज दिया था।
स्वास्थ्य विभाग में ख़रीदी के लिए प्रोडक्ट के पात्र अपात्र चयन हेतु समिति बनी है और टेंडर प्रक्रिया है। ख़बरें हैं कि समिति ने इस पत्र के दावे को सही नही माना। इस मसले पर हाईकोर्ट में एक याचिका भी दायर की गई है जिसे कि अब निर्णय के लिए रिज़र्व किया गया है।
इस बीच यह ख़बरें आई कि छत्तीसगढ सरकार ने कोरोना किट दिगर राज्यों से महँगे में ख़रीद ली हैं।
स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने कहा –
“मैं चकित हूँ, क्योंकि वर्तमान टेंडर जो हुआ है उस राशि पर तो एक भी किट अब तक लिया ही नही तो महँगी ख़रीदी सस्ती ख़रीदी कहाँ से हो गई..ये तो वही कोयला घोटाला हो गया जो कि अस्तित्व में कभी हुआ ही नही”
स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने पूरे मसले को तथ्य से कोसो दूर बताते हुए कहा –
“जब कि यह बात आई तब ही ख़रीदी प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई थी.. तकनीकि समिति को बुला कर पूरी जानकारी ली गई थी.. फिर यह बात प्रचारित करना कि, महँगे में ख़रीदा गया.. समझ से परे है”