RBI ने किया कार्य समूह का गठन, डिजिटल ऋण गतिविधियों के सभी पहलुओं का होगा अध्ययन
भारतीय रिजर्व बैंक ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और मोबाइल एप के माध्यम से ऋण देने सहित डिजिटल उधार पर एक कार्य समूह का गठन किया है। यह वित्तीय क्षेत्र के साथ-साथ सभी अनरेगुलेटेड खिलाड़ियों द्वारा डिजिटल ऋण गतिविधियों के पहलुओं का अध्ययन करेगा।
डिजिटल उधार में वित्तीय उत्पादों और सेवाओं तक अधिक निष्पक्ष, कुशल और समावेशी बनाने की क्षमता है। वित्तीय क्षेत्र में डिजिटल तरीकों का प्रवेश महत्वपूर्ण विकास है और इसका स्वागत होना चाहिए, लेकिन इस तरह के प्रयासों में लाभ और कुछ नकारात्मक जोखिम अक्सर जुड़े होते हैं। एक संतुलित दृष्टिकोण का पालन करने की आवश्यकता है ताकि डाटा सुरक्षा, गोपनीयता, गोपनीयता और उपभोक्ता सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए नियामक ढांचा नवाचार का समर्थन करे।
Reserve Bank of India constitutes a working group on digital lending including lending through online platforms and mobile apps. It will study all aspects of digital lending activities in the regulated financial sector as well as by
unregulated players. pic.twitter.com/fNIZStDub2— ANI (@ANI) January 13, 2021
इस कार्य समूह में आंतरिक और बाहरी दोनों सदस्य शामिल होंगे। आंतरिक सदस्य-
आरबीआई के कार्यकारी निदेशक श्री जयंत कुमार दास
आरबीआई के पर्यवेक्षण विभाग के मुख्य महाप्रबंधक श्री अजय कुमार चौधरी
आरबीआई के भुगतान और निपटान प्रणाली के मुख्य महाप्रबंधक श्री पी वासुदेवन
आरबीआई (सदस्य सचिव) के विनियमन विभाग के मुख्य महाप्रबंधक श्री मनोरंजन मिश्रा
बाहरी सदस्य
मोनेक्सो फिनटेक के सह-संस्थापक श्री विक्रम मेहता
साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ और CloudSEK के संस्थापक श्री राहुल शशी
यह कार्य समूह RBI विनियमित संस्थाओं में डिजिटल उधार गतिविधियों और आउटसोर्स डिजिटल ऋण गतिविधियों का मूल्यांकन करेगा। साथ ही वित्तीय स्थिरता, विनियमित संस्थाओं और उपभोक्ताओं को अनियमित डिजिटल ऋण द्वारा उत्पन्न जोखिमों की पहचान करेगा। डिजिटल उधार की क्रमिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए सुझाव भी देगा। इतना ही नहीं, समूह डिजिटल उधार सेवाओं की तैनाती के लिए मजबूत डाटा प्रशासन, डाटा गोपनीयता और डाटा सुरक्षा मानकों के उपायों की सिफारिश भी करेगा।