सिविल सेवा के नतीजों की तरह ही निकले सहायक कमांडेंट का रिजल्ट, आवेदकों ने की मांग
संघ लोक सेवा आयोग ने जिस तरह से ‘यूपीएससी’ का रिजल्ट जारी किया था, उसी तर्ज पर केंद्रीय अर्धसैनिक बलों में सहायक कमांडेंट के पदों पर हुई भर्ती का फाइनल रिजल्ट जारी नहीं किया जा रहा है। इस परीक्षा का विज्ञापन करीब दो साल पहले निकला था। सहायक कमांडेंट की भर्ती प्रक्रिया में शामिल हुए आवेदकों का कहना है कि यूपीएससी ने लिखित परीक्षा, शारीरिक दक्षता परीक्षा, मेडिकल जांच और साक्षात्कार ले लिया है, लेकिन फाइनल मेरिट सूची अभी तक नहीं निकाली है।
सिविल सेवा परीक्षा और सहायक कमांडेंट की भर्ती प्रक्रिया में एक जैसा पेच फंसा था। वह था ईडब्ल्यूएस कोटे को लेकर कोर्ट केस। यूपीएससी ने कोर्ट में गए आवेदकों का रिजल्ट रोक कर बाकी अभ्यर्थियों का प्रोविजनल परिणाम घोषित कर दिया। इसका फायदा ये हुआ कि एक तो आवेदकों को रिजल्ट का इंतजार नहीं करना पड़ा और दूसरा, आगामी परीक्षा का शेड्यूल भी नहीं बिगड़ा। सहायक कमांडेंट की भर्ती में भी ईडब्ल्यूएस के 28 आवेदकों ने केस कर दिया, लेकिन यहां पर यूपीएससी ने सिविल सेवा परीक्षा की भांति प्रोविजनल रिजल्ट जारी नहीं किया।
सहायक कमांडेंट की यह भर्ती प्रक्रिया अप्रैल 2019 में शुरू हुई थी। इसके बाद 18 अगस्त 2019 को लिखित परीक्षा आयोजित की गई। अक्तूबर 2019 में परीक्षा का परिणाम जारी हो गया। दिसंबर 2019 में शारीरिक दक्षता परीक्षा और मेडिकल जांच भी पूरी हो गई। जनवरी 2020 में मेडिकल रिव्यू प्रक्रिया खत्म हो गई। राजस्थान के बहरोड़ इलाके में रहने वाले आवेदक अभिषेक यादव, आगरा के रोहित शुक्ला, मुरादनगर के शगुन और सिद्धांत आदि का कहना है कि 2020 में लॉकडाउन लगने के कारण उनकी साक्षात्कार प्रक्रिया समय पर शुरू नहीं हो सकी। साल के अंत में यानी नवंबर 2020 में साक्षात्कार हुआ। सहायक कमांडेंट के 330 पदों के लिए 1054 आवेदकों का नाम मेरिट सूची में शामिल किया गया। अब सभी आवेदक इस भर्ती की फाइनल मेरिट लिस्ट जारी होने का इंतजार कर रहे हैं।
बतौर अभिषेक यादव, 2019 की भर्ती प्रक्रिया का परिणाम अभी तक नहीं आया है, जबकि उसके साथ नए पदों की भर्ती प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। दिसंबर 2020 में इसकी लिखित परीक्षा भी हो गई है। ये संभावित है कि इस परीक्षा में बहुत से ऐसे आवेदक शामिल रहे हों, जो 2019 की परीक्षा दे चुके हों। अमूमन यूपीएससी द्वारा पहली परीक्षा का परिणाम जारी करने के बाद ही दूसरी परीक्षा का परिणाम घोषित किया जाता है।
ईडब्ल्यूएस कोटे को लेकर सिविल सेवा की परीक्षा का मामला भी अदालत में पहुंचा था, लेकिन यूपीएससी ने कुछ सीटें खाली रखकर बाकी परीक्षा का प्रोविजनल परिणाम घोषित कर दिया। आवेदकों के मुताबिक, सहायक कमांडेंट की भर्ती में एक साल पहले ही सभी दस्तावेज यूपीएससी के पास पहुंच गए थे, लेकिन साक्षात्कार के दौरान ईडब्ल्यूएस कोटे के आवेदकों को बताया गया कि उनके दस्तावेजों में कमी है। जो दस्तावेज अटैच हैं, उनके जारी होने की तिथि या प्राधिकृत अथॉरिटी की औपचारिकताओं वाले हिस्से में कोई कमी है।
इस वजह से भर्ती एजेंसी ने ईडब्ल्यूएस के 28 आवेदकों के दस्तावेजों को मानने से इनकार कर दिया। इसके बाद वे आवेदक दिल्ली हाईकोर्ट में चले गए। इन आवेदकों का कहना है कि यूपीएससी ने जिस तरह सिविल सेवा परीक्षा का परिणाम घोषित किया है, वैसे ही सहायक कमांडेंट की परीक्षा का प्रोविजनल रिजल्ट जारी किया जाए। 17 दिसंबर 2020 को इसे लेकर यूपीएससी अधिकारियों को एक ज्ञापन सौंपा गया था। उन्होंने भरोसा दिलाया था कि इस मामले में सकारात्मक पहल की जाएगी।