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कश्मीर में भारी बर्फबारी से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित, जरूरत की चीजें जुटा रहे हैं लोग

कश्मीर घाटी में मंगलवार को भारी बर्फबारी होने के चलते यहां पर यातायात सेवाएं बड़ी ही बुरी तरीके से प्रभावित हुई हैं, जिससे देश के बाकी हिस्से से यहां का संपर्क टूट गया है। मौजूदा गंभीर हालातों को देखते हुए प्रशासन द्वारा यहां लोगों को जरूरत की सारी चीजों को जुटाकर रखने का आदेश दिया गया है, ताकि आगे चलकर उन्हें किसी तरह की दिक्कतों का सामना न करना पड़े।

यहां विभिन्न जगहों पर हिमपात और भूस्खलन होने के चलते श्रीनगर-जम्मू राजमार्ग लगातार तीसरे दिन भी बंद रहा।लगभग 300 किलोमीटर लंबाई वाले इस राजमार्ग के माध्यम से ही मुख्य तौर पर घाटी में चीजों की आपूर्ति कराई जाती है। हर बार राजमार्ग पर सेवाएं बाधित होने पर होर्डर्स और मुनाफाखोर कालाबाजारी का सहारा लेने लगते हैं।

प्रशासन ने मंगलवार को पेट्रोलियम उत्पादों और रसोई गैस की राशनिंग की घोषणा की है। कश्मीर के संभागीय आयुक्त पी.के.पोल द्वारा जारी एक आदेश में कहा गया है कि प्रतिदिन के हिसाब से दोपहिया वाहनों को 3 लीटर, तीन पहिया वाहनों को 5 लीटर, चार पहिया निजी वाहनों को 10 लीटर, चार पहिया वाणिज्यिक वाहनों को 20 लीटर और ट्रक/बस जैसे भारी वाहनों को 20 लीटर ईंधन मिलेंगे।

भारी बर्फबारी और कई जगह भूस्ख्लन होने के कारण जम्मू-श्रीनगर राष्टीय राजमार्ग मंगलवार को भी बंद रहा। हालांकि बनिहाल और काजीगुंड के बीच मुख्य सड़क को एक ओर के यातयात के लिए खोले जाने के बाद यहां फंसे 250 से अधिक वाहनों को निकाला गया, जिनमें से अधिकतर यात्री वाहन थे।

जवाहर सुरंग के पास भारी बर्फबारी के बाद शनिवार रात को जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग को बंद कर दिया गया था, जिससे कश्मीर का सड़क सम्पर्क देश के शेष हिस्सों से टूट गया है। इससे यहां दोनों ओर 4500 से अधिक वाहन फंस गए थे। अधिकारियों ने बताया कि जवाहर सुरंग के आसपास लगातार बर्फबारी, भूस्खलन, जमीन धंसने और चट्टानों के टूटकर गिरने की घटनाओं के कारण रविवार से ही मार्ग यातायात के लिए बंद है।

उन्होंने बताय कि सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) द्वारा सोमवार शाम तक मार्ग से काफी हद तक बर्फ हटाने के बाद जम्मू जा रहे 100 ट्रकों का वहां से निकाला गया था। सोमवार रात आठ बजे यातायात को दोबारा रोकने से पहले 250 से अधिक यात्री वाहनों और आवश्यक सामान ले जा रहे दर्जनों ट्रकों के कश्मीर घाटी जाने के लिए मार्ग साफ किया गया था।

यह भी आदेश दिया गया है कि उपभोक्ताओं को 21 दिनों के बाद ही रसोई गैस का एक सिलिंडर उपलब्ध कराया जाएगा। भारी बर्फबारी के चलते यातायात सेवा के अलावा यहां बिजली की आपूर्ति भी बाधित हुई है।

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