देश /विदेश

‘मां मैंने चोरी नहीं की…’ चिप्स पैकेट को लेकर दुकानदार ने बच्चे के साथ किया कुछ ऐसा, मासूम ने दे दी जान

दुकानदार ने बच्चे से सार्वजनिक रूप से माफी भी मंगवाई। बच्चे की मां को दुकान पर बुलाया गया। उसने भी सबके सामने बच्चे को डांटा और थप्पड़ मारे। इससे आहत बच्चे ने घर लौटकर आत्महत्या की कोशिश की और अस्पताल में उसने दम तोड़ दिया।

पश्चिम बंगाल के मिदनापुर जिले के पंसकुरा इलाके से एक दिल दहला देने वाली खबर सामने आई है। यहां सातवीं कक्षा में पढ़ने वाले 12 साल के कृष्णेंदु दास नाम के एक बच्चे ने सिर्फ इसलिए अपनी जान दे दी क्योंकि उस पर चिप्स का पैकेट चुराने का इल्जाम लगाया गया था। दुकानदार ने कृष्णेंदु दास को उसे सबके सामने अपमानित किया गया और उसकी पिटाई भी की।

दास पर एक मिठाई की दुकान से चिप्स के तीन पैकेट चुराने का आरोप लगा था। लोगों का आरोप था कि दुकानदार शुभांकर दीक्षित की गैर-मौजूदगी में बच्चे ने दुकान से चिप्स के पैकेट चुराए। शुभांकर ने बच्चे को दुकान से थोड़ी दूर चिप्स के पैकेट के साथ पकड़ लिया। बच्चे ने पांच रुपए के हिसाब से चिप्स के तीन पैकेट के 20 रुपए उसे दे दिए। इसके बाद भी दुकानदार नहीं माना। वह बाकी पैसे लौटाने के बहाने बच्चे को दुकान पर ले गया और उसकी पिटाई की।

दुकानदार ने बच्चे से सार्वजनिक रूप से माफी भी मंगवाई। बच्चे की मां को दुकान पर बुलाया गया। उसने भी सबके सामने बच्चे को डांटा और थप्पड़ मारे। इससे आहत बच्चे ने घर लौटकर आत्महत्या की कोशिश की और अस्पताल में उसने दम तोड़ दिया।

मां मैं चोर नहीं हूं….

कुछ देर बाद मां को शक हुआ, कई बार दरवाज़ा खटखटाने पर भी जब अंदर से कोई जवाब नहीं आया, तो उन्होंने पड़ोसियों की मदद ली और दरवाज़ा तोड़ा और पाया कि उसके मुंह से झाग निकल रहा था और उसकी बगल में कीटनाशक की आधी खाली बोतल पड़ी थी। बगल में कथित तौर पर बंगाली में लिखा एक नोट भी पड़ा मिला। नोट में लिखा था, ‘मां, मैं चोर नहीं हूं। मैंने चोरी नहीं की। जब मैं इंतजार कर रहा था, तब चाचा (दुकानदार) वहां नहीं थे। लौटते समय मैंने सड़क पर कुरकुरे का पैकेट पड़ा देखा और उसे उठा लिया। मुझे कुरकुरे बहुत पसंद हैं।’ कृष्णेंदु ने आगे कहा, ‘जाने से पहले ये मेरे आखिरी शब्द हैं। कृपया मुझे कीटनाशक पीने के लिए माफ कर देना।

परिजनों का आरोप

पीडि़त परिवार का आरोप है कि दुकानदार के बर्ताव की वजह से बच्चा यह कदम उठाने को मजबूर हुआ। पैसे देने के बावजूद उसे चोर और झूठा कहा गया। दुकानदार फरार है। परिवार यह भी मान रहा है कि मां के सार्वजनिक रूप से डांटे जाने का भी बच्चे के मन पर गहरा असर हुआ।

उठक-बैठक लगवाई

बच्चे की मां ने दुकानदार के खिलाफ मामला दर्ज कराया है। इसमें बताया गया कि बच्चा चिप्स लेने दुकान पर गया था। दुकानदार नहीं होने से उसने यह सोचकर तीन पैकेट उठा लिए कि पैसे बाद में दे जाएगा। दुकानदार ने पकडऩे के बाद उससे सबके सामने उठक-बैठक भी लगवाई।

स्रोत पत्रिका

Show More

Gopal Krishna Naik

Editor in Chief Naik News Agency Group

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!