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ऑल इंडिया टैक्सी यूनियन की सरकार को चेतावनी, अगर दो दिन में पूरी नहीं की किसानों की मांगें तो हड़ताल

नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार  द्वारा लाए गए नए कृषि कानूनों  का विरोध अब बढ़ता ही जा रहा है। किसानों के बाद अब ऑल इंडिया टैक्सी यूनियन  ने सरकारी को चेतावनी दी है। यूनियन का कहना है कि अगर नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों की मांगे नहीं मानी गई तो वे हड़ताल पर जाएंगे।


प्रधानमंत्री से कानूनों को वापस लेने की अपील

युनियन के अध्यक्ष बलवंत सिंह भुल्लर ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि वे किसानों की मांगों को पूरा करने के लिए उन्हें दो दिन का समय दे रहे हैं। भुल्लर ने कहा, ‘हम प्रधानमंत्री और कृषि मंत्री से अपील करते हैं कि वे इन कानूनों को वापस लें। कॉर्पोरेट सेक्टर हमें बर्बाद कर रहा है। अगर दो दिनों के भीतर सरकार इन कानूनों को वापस नहीं लेती है तो हम सड़क से अपने वाहनों को हटा लेंगे। हम देश के सभी चालकों से अपील करते हैं कि वे तीन दिसंबर से वाहन चलाना बंद कर दें।’

राहुल ने क़षि बिल को लेकर पीएम पर बोला हमला
वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पीएम मोदी का नाम लिए बिना उनपर निशाना साधते हुए कहा कि, देश का अन्नदाता सड़कों-मैदानों में धरना दे रहे हैं और ‘झूठ’ टीवी पर भाषण! उन्होंने कहा, जागिए, अहंकार की कुर्सी से उतरकर सोचिए और किसान का अधिकार दीजिए।’ उन्होंने ट्वीट कर लिखा, ‘अन्नदाता सड़कों-मैदानों में धरना दे रहे हैं, और ‘झूठ’ टीवी पर भाषण! किसान की मेहनत का हम सब पर कर्ज है। ये कर्ज उन्हें न्याय और हक देकर ही उतरेगा, न कि उन्हें दुत्कार कर, लाठियां मारकर और आंसू गैस चलाकर। जागिए, अहंकार की कुर्सी से उतरकर सोचिए और किसान का अधिकार दीजिए।’

सरकार आद करेगी किसानों से बात
दरअसल, नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान बीते पांच दिनों से लगातार दिल्ली के सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे हैं। आंदोलन को बढ़ते देख कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने आज किसानों को इस मुद्दे पर बातचीत करने के लिए बुलाया है। कृषि मंत्री और किसनों के बीच ये बैठक आज दोपहर तीन बजे विज्ञान भवन में होनी है। किसानों ने केंद्र सरकार को स्पष्ट कर दिया है कि जब उनकी बात नहीं सुनी जाएगी आंदोलन इसी तरह जारी रहेगा।

आंदोलन को राष्ट्रविरोधी ताकतों ने किया हाइजैक- दुष्यंत
भाजपा ने किसान आंदोलन को राजनीति से प्रेरित बताते हुए रविवार को कहा कि इस आंदोलन में गलत तत्व घुस गए हैं। पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री दुष्यंत कुमार गौतम ने पत्रकारों से कहा, ‘आंदोलन में पाकिस्तान समर्थक और खालिस्तान समर्थक नारे लगते हैं। किसानों का इससे कोई लेना-देना नहीं है। इसे उग्रवादी और राष्ट्रविरोधी ताकतों ने हाइजैक कर लिया है।’

कांग्रेस पर किसानों को गुमराह करने का आरोप
उन्होंने कहा कि आंदोलन में नई -नई गाडियो और नए-नए कपड़े पहनकर आ रहे लोग किसान नहीं हो सकते। किसान आंदोलन को राजनीति से प्रेरित बताते हुए उन्होंने कहा कि इस आंदोलन में गलत तत्व घुस गए हैं और कांग्रेस भी सरकार का विरोध करने के लिए उन्हें गुमराह कर रही है। उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की भी आंदोलन को हवा देने के लिए आलोचना की और कहा कि कोविड-19 संक्रमण से उत्पन्न परिस्थितियों के दौरान गरीब मजदूरों को उन्होंने खाना नहीं दिया लेकिन अब किसान आंदोलन में भाग लेने वालों के लिए वह टैन्ट लगवा रहे हैं।

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