खरसियाछत्तीसगढ़रायगढ़

अव्यवस्थाओं के बीच क्षेत्र में की जा रही धान खरीदी

समर्थन मूल्य पर की जा रही धान की खरीदी के लिए केन्द्रों में पर्याप्त सुविधाएं नहीं हैं। कई केन्द्र ऐसे हैं जहां खरीदी के बाद धान रखने की जगह भी नहीं है। उठाव न होने के चलते केन्द्रों के आस-पास जमीन पर ही धान के बोरों के ढेर लगे नजर आ रहे हैं। गत दिवस मुरा केन्द्र के निरीक्षण के दौरान एसडीएम खरसिया ने मुरा प्रबंधक भानु प्रताप पटेल लापरवाही के लिए चेताया लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगा…

खरसिया। खरसिया क्षेत्र के अंतर्गत किसानों की उपज खरीदने के लिए विभिन्न विकास खंडों में केन्द्र बनाए गए हैं। खरसिया के अधिकांश धान केंद्रों में शासन के निर्देशों का खुला उल्लंघन खरीदी केंद्र के प्रभारी और उनके प्रतिनिधियों के द्वारा किया जा रहा है। धान खरीदी केंद्रों में बग़ैर लिपाई पुताई किए फड़ पर धान को बिना सुरक्षा के खुली जमीन पर बोरों में भरकर रखा जा रहा है भराई के दौरान जमीन पर गिरे धूल मिट्टी में सने हुए धान को इकट्ठा कर रख लिया जा रहा है जिससे हर किसने को 10 से 20 किलो का नुकसान होते चला जा रहा है।

 दूसरी ओर धान खरीदी केंद्रों में किसानों के बैठने के लिए ना तो छाया है और ना ही पेयजल की व्यवस्था की जा रही है। इतना ही नहीं खरीदी केंद्र के प्रभारियों के द्वारा किसानों को मजदूर भी उपलब्ध नहीं कराए जा रहे हैं। किसान खुद अपनी उपज लेकर आते हैं बोरों में भरते हैं तोल कराते हैं बल्कि इसकी एवज में किसान अपनी ओर से ही मजदूर लगाकर उन्हें पैसा देकर यह पूरा कार्य करवाते हैं। वहीं जब अधिकारियों से इस संबंध में चर्चा की गई तो उन्होंने धान केंद्रों में शासन के निर्देशानुसार व्यवस्थाएं दिए जाने की बात कहते हैं ।

बसनाझर के किसानों ने गारंटी में धान खरीदी किए जाने वाले पोस्ट के संबंध में चर्चा करते हुए बताए कि धान का 2183और2203 में ही भुगतान किया जा रहा तो खरीदी केन्द्रों के दिवाल पर टंगे पोस्टर को दिखाते हुए 3100रूपए के का बैनर क्यों?

आशा भरी नजरों से देखते हुए कहे की शासन सत्ता और प्रशासन तक हमारी बात पहुंचाने के लिए आप पत्रकार बंधु हैं हम तो अपनी उपज दो दिन रोक भी नहीं सकते यदि रोक दिए तो प्रबंधक लेने से मना कर दिया तो हमारी मेहनत धारी की धरी रह जाएगी हमारी मजबूरी है लेकिन हमारी जो बातें हैं वह आप शासन प्रशासन तक जरूर पहुंचाएं और हमारी आवाज को बुलंद करें।जो बैनर लगा रखे हैं उसे कब देंगे हमें या यूं हीं है…

वहीं किसानों के खाते में बोनस तो आया परन्तु खाते में बैंकों द्वारा होल्ड कर रखा की वजह से अपनी जमा पैसे का उपयोग नहीं कर पा रहे हैं । किसानों के खाते में कर्ज जो दिए है वह मार्च तक है परंतु ऋण के वसूली दिनांक के पूर्व बैंक द्वारा मनमानी रवैया अपनाते हुए खाते को होल्ड कर दिया है जिससे काफी परेशानी का सामना कर रहे किसान हैं।

प्रभारियों ने कहा कि उन्हें जो वारदाने मिले हैं उनमें से अधिकांश खराब है।

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Gopal Krishna Naik

Editor in Chief Naik News Agency Group

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