कांग्रेस नेता बीके हरिप्रसाद का बयान-राम मंदिर उद्घाटन से पहले हो सकती है गोधरा जैसी घटना,अयोध्या जाने वालों को सुरक्षा दे सरकार
कर्नाटक के कांग्रेस नेता बीके हरिप्रसाद ने बुधवार को कहा कि राम मंदिर समारोह से पहले गोधरा जैसी घटना घट सकती है। सरकार को अयोध्या जाने वाले लोगों की सुरक्षा के लिए सभी व्यवस्था करनी चाहिए। जिससे राज्य में गोधरा जैसी घटना दोबारा न हो।
कर्नाटक के कांग्रेस नेता बीके हरिप्रसाद ने बुधवार को एक विवादित बयान दिया। हरिप्रसाद ने कहा कि अयोध्या में राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह से पहले कर्नाटक में ‘गोधरा जैसी घटना’ घट सकती है। कर्नाटक सरकार को ऐसी कोई गुंजाइश नहीं छोड़नी चाहिए ऐसी घटना दोबारा घटे। अयोध्या जाने की चाह रखने वाले सभी लोगों को सुरक्षा दी जानी चाहिए जिससे कर्नाटक में भी हमें गोधरा जैसी दूसरी घटना देखने को नहीं मिले।
सतर्क रहे कर्नाटक सरकार- हरिप्रसाद
हरिप्रसाद ने कहा कि कर्नाटक सरकार को सतर्क रहना चाहिए क्योंकि गुजरात के गोधरा में ऐसे ही एक मौके पर कारसेवकों को आग के हवाले कर दिया गया था। इस तरह की घटना राज्य में भी होने की पूरी संभावना है। यहां तक कि मैं इसके बारे में सूचना भी दे सकता हूं। मैं आपको बता सकता हूं कि कुछ संगठनों के प्रमुख कुछ राज्यों में गए हैं। वहां उन्होंने कुछ भाजपा नेताओं को भड़काया है। मैं इस बारे में खुलेआम कुछ भी नहीं बता सकता लेकिन ऐसा हुआ है।
BJP आदतन अपराध में शामिल-कांग्रेस नेता
कांग्रेस के विधान परिषद सदस्य (MLC) ने कहा कि अगर आप BJP के इतिहास पर गौर करें तो पार्टी आदतन अपराध में शामिल रही है। वे (भाजपा के नेता) कुछ भी कर सकते हैं। मैं मांग करता हूं कि अयोध्या जाने वाले सभी लोगों की सुरक्षा के लिए एहतियाती कदम उठाए जाएं। लोगों की जिंदगी उनकी(भाजपा की) राजनीतिक कार्यशैली से ज्यादा महत्वपूर्ण है। हरिप्रसाद राम मंदिर समारोह से पहले विवादित बयान देने वाले दूसरे कांग्रेस नेता हैं। इससे पहले कांग्रेस नेता अंजनेय ने मुख्यमंत्री सिद्धरामैया की तुलना भगवान राम से की थी।
भाजपा नेता ने बयान पर नाराजगी जाहिर की…
भाजपा ने इस बयान की पर नाराजगी जाहिर की है। कर्नाटक में पूर्व मुख्यमंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने कहा कि हरिप्रसाद के खिलाफ शिकायत दर्ज की जानी चाहिए। उन्हें गिरफ्तार किया जाना चाहिए। यह बयान सहने योग्य नहीं है। बहुत पहले कोई घटना घटी। अब इस मामले में सब कुछ तय हो चुका है। यहां तक कि अदालत भी इस मामले पर अपना फैसला सुना चुकी है। वह इस मुद्दे को लेकर लोगों में भ्रम की स्थिति पैदा कर रहे हैं। इससे भय का माहौल पैदा हो सकता है।