छत्तीसगढ़रायपुर

मछली पालन को छत्तीसगढ़ में खेती का दर्जा देने की होगी पहल : भूपेश बघेल

मुख्यमंत्री ने विश्व मत्स्य दिवस पर आयोजित छत्तीसगढ़ मछुआरा समाज सम्मेलन को सम्बोधित किया

15 मछुआरों को मोटरसायकल सह आईस बॉक्स तथा 2 मछुआरों को ऑटो सह आईस बॉक्स वितरित

10 मछुआ हितग्राहियों को मछुआ आवास योजना के अंतर्गत दिए गए अनुदान सहायता राशि के चेक

रायपुर । मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि राज्य सरकार छत्तीसगढ़ में मछली पालन को खेती का दर्जा देने की पहल करेगी। राज्य सरकार ने इसके लिए योजना बनाने के निर्देश अधिकारियों को दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि खेती-किसानी की तरह मछली पालन के लिए कोऑपरेटिव बैंक से ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराने और किसानों को दी जाने वाली बिजली दरों में छूट की भांति मछली पालन करने वाले निषाद, केंवट और ढीमर समाज के लोगों को भी छूट की पहल की जाएगी। मुख्यमंत्री बघेल आज यहां अपने निवास कार्यालय में विश्व मत्स्य दिवस के मौके पर आयोजित छत्तीसगढ़ मछुआरा समाज के सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे।

 मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दीप प्रज्जवलन के बाद निषाद, केंवट समाज के आराध्य भगवान राम सहित नाव, डोंगी एवं जाल का पूजन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू, संसदीय सचिव कुंवर सिंह निषाद, सुश्री शकुंतला साहू और विकास उपाध्याय, छत्तीसगढ़ राज्य मछुआ कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष एम.आर. निषाद, छत्तीसगढ़ राज्य खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरीश देवांगन विशेष अतिथि के रूप में कार्यक्रम में उपस्थित थे। बघेल ने इस अवसर पर 15 मछुआरों को मोटरसायकल सह आईस बॉक्स तथा 2 मछुआरों को ऑटो सह आईस बॉक्स का वितरण किया। उन्होंने इस मौके पर 10 मछुआ हितग्राहियों को मछुआ आवास योजना के अंतर्गत प्रथम किश्त की 40-40 हजार रूपए की प्रथम किश्त अनुदान राशि का चेक भी वितरित किया।

 मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की योजनाओं से समाज के लोगों के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आना चाहिए। मछुआरा समाज को विभिन्न योजनाओं में अनुदान सहायता दी जा रही है, लेकिन इससे उनकी आर्थिक स्थिति में बहुत ज्यादा परिवर्तन नहीं आ पाया है। इसके लिए यह जरूरी है कि निषाद, केंवट समाज वैज्ञानिक पद्धति से मछली पालन करे और उत्पादित मछली के विक्रय का अच्छा प्रबंधन करे तो न सिर्फ मछुआरों की आर्थिक स्थिति सुधरेगी, साथ ही छत्तीसगढ़ धान उत्पादन की भांति मछली उत्पादन में भी देश में प्रथम स्थान पर होगा। राज्य सरकार इन क्षेत्रों में भी समाज के लोगों को हरसंभव मदद देगी। उन्होंने कहा कि समाज को बच्चों की अच्छी शिक्षा की व्यवस्था की ओर ध्यान देना चाहिए। साथ ही यह ध्यान भी रखना चाहिए कि बच्चे मानसिक और शारीरिक रूप से मजबूत हों। बच्चे जब शिक्षित और मजबूत होंगे, तो अपने अधिकारों को स्वयं हासिल कर सकेंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार का यह प्रयास है कि आर्थिक रूप से हर वर्ग मजबूत हो सके। उन्होंने किसानों की कर्ज माफी, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, गोधन न्याय योजना, शासकीय मूल्य पर लघु वनोपजों की खरीदी, वन अधिकार पट्टों के वितरण, अंग्रेजी माध्यम स्कूल योजना का भी उल्लेख किया।  बघेल ने समाज द्वारा की गई आरक्षण की मांग का उल्लेख करते हुए कहा कि यह एक लम्बी प्रक्रिया है। राज्य सरकार इसके लिए भी पहल करेगी, लेकिर आज निजीकरण का दौर है। पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू और श्रीमती इंदिरा गांधी द्वारा स्थापित सार्वजनिक उपक्रमों को निजी हाथों में दिया जा रहा है। जिससे देश को नुकसान होगा।

 कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविन्द्र चौबे ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कहा कि हर वर्ष मछुआरा समाज के एक हजार नौजवानों को आईस बॉक्स सहित मोटर सायकल अनुदान पर वितरित की जाएगी। उन्होंने कहा कि मछली पालन के लिए गठित की जाने वाली मछुआ समिति में मछुआरा समाज के लोग ही शामिल हो, ऐसा न हो कि मछुआरा समिति को मछली पालन का ठेका मिलने के बाद मछुआरा समाज के लोग समिति में मजदूर के रूप में काम करे और मछली पालन के व्यवसाय से होने वाला लाभ ठेकेदार को मिले। उन्होंने कहा कि मछुआ महासंघ यह तय करे कि छत्तीसगढ़ में मछली पालन निषाद, केंवट समाज की मछुआ सहकारी समिति के माध्यम से किया जाए या प्रदेश में तेंदूपत्ता संग्रहण की नीति की भांति समिति में काम करने वाले लोगों को शासन द्वारा तय मजदूरी और मछली पालन के व्यवसाय से होने वाले लाभ का लाभांश मिले। राज्य सरकार इसके लिए नीति बनाएगी।

 गृह मंत्री  ताम्रध्वज साहू ने कहा कि मछली पालन के लिए तरिया, बांध और तालाब केंवट, ढीमर और निषाद समाज के लोगों को मिलना चाहिए। उन्हांेने कहा कि मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा सभी वर्गाें के लिए बहुत सी नई योजनाएं प्रारंभ की गई है। जिसमें लोगों के उत्थान के साथ हर व्यक्ति के सम्मान को सुरक्षित रखने का प्रयास किया गया है। उन्होंने कहा कि गोधन न्याय योजना प्रारंभ होने के बाद बहुत कम समय में कई गौठान स्वावलंबी हो गए हैं। संसदीय सचिव  कुंवर सिंह निषाद ने समाज में शिक्षा के प्रचार-प्रसार की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि शिक्षा के बिना कोई भी समाज तरक्की नहीं कर सकता। छत्तीसगढ़ राज्य मछुआ कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष  एम.आर. निषाद ने समाज के बच्चों को शिक्षा और शासकीय सेवा में आरक्षण देने की मांग की। कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. एम.गीता ने स्वागत भाषण में बताया कि मत्स्य उत्पादन और मत्स्य बीज उत्पादन के मामले में भी छत्तीसगढ़ देश का अग्रणी राज्य है। पिछले दो वर्षाें में प्रदेश में मत्स्य बीज उत्पादन में 13 प्रतिशत और मत्स्य उत्पादन में 9 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। प्रदेश के सबसे बड़े हसदेव बांगो जलाशय में एक हजार केज की परियोजना स्वीकृत की गई है। संचालक मछली पालन व्ही.के. शुक्ला ने कार्यक्रम के अंत में अतिथियों के प्रति आभार प्रकट किया। इस अवसर पर मछुआरा समाज के प्रतिनिधि बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

Show More

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!