बाम्हनपाली में अब कोई बच्चा कुपोषित नहीं
बाम्हनपाली में अब कोई बच्चा कुपोषित नहीं
जिले का पहला कुपोषण मुक्त गांव बना बाम्हनपाली, बच्चों से मिलने पहुंचे कलेक्टर भीम सिंह
पंचायत को 10 हजार तथा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 5 हजार रुपये की मिलेगी प्रोत्साहन राशि
खरसिया विकासखण्ड का बाम्हनपाली जिले का पहला कुपोषण मुक्त गांव बन गया है। यहां आज की स्थिति में कोई बच्चा कुपोषित नही है। आंगनबाड़ी केन्द्रों में महिला बाल विकास विभाग के आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और मितानिनों के साथ ग्राम पंचायत के प्रयासों से गांव ने यह उपलब्धि हासिल की है। कलेक्टर भीम सिंह ने बाम्हनपाली पहुंचकर बच्चों से मुलाकात की। उन्होंने इस उपलब्धि की सराहना करते हुए जिला प्रशासन की ओर से ग्राम पंचायत को दस हजार रुपए तथा मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को पांच हजार रुपये प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की।
इस अवसर पर उन्होंने पिछले कुछ दिनों में कुपोषण मुक्त हुए बच्चों का उन्होंने वजन करवा कर देखा। उन बच्चों की माताओं से कहा कि आगे भी बच्चों का पूरा शारीरिक एवं मानसिक विकास हो इसके लिए आगे भी खानपान पर पूरा ध्यान दें और सही पोषणयुक्त खाना बच्चों को खिलाएं। बच्चों के हाईजिन का भी ध्यान रखें। उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों का भी उत्साहवर्धन करते हुए आगे भी ऐसे काम करने की सलाह दी जिससे गांव के नाम और उपलब्धियां भी जुड़ सके।
कलेक्टर सिंह ने कार्यकर्ताओं से गांव को कुपोषण मुक्त बनाने के लिए किए गए कार्यों की जानकारी ली। आंगनबाड़ी पंचायत प्रतिनिधियों ने बताया कि विगत 2-3 वर्षो से लगातार कुपोषण दूर करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना शुरू होने से कार्य को बल मिला और आज आंगनबाड़ी केन्द्रों में दर्ज 50 बच्चों में कोई भी कुपोषित नहीं है।
इसके पीछे आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और मितानिनों की मेहनत व लगन के साथ पालकों की जागरूकता काम आयी। सभी ने निर्देशों का बखूबी पालन करते हुये बच्चों को कुपोषण के चक्र से बाहर निकाल लिया।
इस अवसर पर महिला बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी टी.के.जाटवर, एसडीएम खरसिया गिरीश रामटेके कृष्ण कुमार पटैल उपाध्यक्ष जनपद पंचायत खरसिया, पुनीता जयसवाल सहित ग्राम पंचायत के सरपंच, उप सरपंच व जनप्रतिनिधि सहित अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे….