खरसियाछत्तीसगढ़रायगढ़

सेन्द्रीपाली के सागौन बाड़ी में लगी आग,छोटे पौधे जलकर खाक…

खरसिया।ईश्वर के बाद अगर किसी व्यक्ति को जिंदगी देता है तो वह डॉक्टर ही है। इसीलिए उसे धरती का भगवान कहा जाता है। डॉक्टरी पेशे में कई बार ऐसे पल आते हैंं जब जीवन की उम्मीद लोग छोड़ देते हैं उस वक्त डॉक्टर मौत को मात देकर जिंदगी बचा लेता है। डॉक्टर के यही प्रयास लोगों की जिंदगी में नया सवेरा लाते हैं।

जिले में गर्मी के दस्तक के साथ ही जंगल में आग लगना भी शुरू हो गया है। मामला खरसिया वनमण्डल मुख्यालय से महज कुछ किलोमीटर दूर कनमुरा सेन्द्रीपाली के सागौन बाड़ी में आग लगने से छोटे पौधे जलकर राख हो गए हैं। आग लगाने से जहा छोटे-बड़े बेसकीमती लकडिय़ां जलकर राख हो जा रही है, वहीं इसका प्रभाव पर्यावरण पर भी साफ देखने को मिल रहा है। आग लगने से सबसे ज्यादा नुकसान पशु-पक्षी के साथ साथ छोटे-बड़े जीव-जंतुओं पर साफ देखी जा सकता है।

इस दर्द को को जानने और समझने वाले प्रकृति प्रेमी डाक्टर सुरेन्द्र कुमार पैंकरा रायगढ़ ट्रेनिंग से वापसी के दौरान रक्सापाली से कुछ दूरी तय कर माण्ड नदी को पार किए ही थे कि स्काई एलाएयन्स कम्पनी के पास सागौन के बाड़ी में धूंआ उठता देख अपने आप को रोक नही पाया और अपने परिचित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र चपले के सुरज पटेल बीपीएम को आस-पास के थाना प्रभारी से सम्पर्क कर फायर ब्रिगेड की व्यवस्था होते तक अपने हाथों में हरे झाड़ियों को तोड़ कर आग बुझाने का प्रयास करते रहे साथ में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र चपले के सुरज पटेल, रामरतन और डाक्टर पैंकरा जुझते रहे इसी बीच दो फायर ब्रिगेड पहुंच कर आग के लपटों से सागौन के पौधों में से कुछ बच गए।

भगवान का रूप होता है डॉक्टर, इस कहावत को सच कर रहे…

डाक्टर पैंकरा यदि समय रहते आगे नहीं आते तो सेन्द्रीपाली के सागौन बाड़ी को बचाने के सरकारी दावों से सागौन में लगने वाली आग को बुझाना तो दूर विभाग तक इसकी खबर तक नहीं लग पाती…

Show More

Gopal Krishna Naik

Editor in Chief Naik News Agency Group

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!