छत्तीसगढ़जिला परिक्रमा

ना सांप हारे ना नेवला… ऐसी लड़ाई जो कभी हुई ही नहीं …सपने दिखाकर सपना बेच देता था…

केलो कपूत शिव राजपूत की चिट्ठी किलो के नाम

सबसे बड़ा मदारी कौन ?

केलो आई तब मैं कोई 10-12 बरस का था रायगढ़ रेलवे स्टेशन में सारा बचपन बीता किसी युनिवर्सिटी के मानिंद प्लेटफार्म के आस-पास जि़न्दगी के तमाम पहलूओं से वाकिफ होने का मौका भी मिला चोर उचक्के ठग पाकिटमार से लेकर साधु-संत तरह- तरह के तमाशाई ज्योतिष तोता ज्योतिष ग्रहों के रत्न बेचने वाले आदि से लेकर तानसेन की गोली बेचने वाले तक अच्छी जान-पहचान हो गई थी।

उन दिनो दक्कनि उर्दू भाषी मदारी से बडे़ अच्छे संबंध हो गए थे वह रोज मजमा लगता था जमूरे को सफेद कपड़ा ओढ़ा कर लेटा देता था अपने पास एक सांप और एक नेवला भी रखता था, मैं उस मदारी से बहुत प्रभावित था उसका सारा जादू सीखना चाहता था और वह भी सिखाना चाहता था, व डमरु बजाते हुए जोर से आवाज लगाता बोल जमूरे जो पूछेंगा बतायेगा? उत्तर मिलता जी जनाब, बोल जमूरे ये लड़का है या लड़की है जवाब मिलता लड़का है दरअसल प्रश्न में ही उत्तर छिपा रहता है मदारी पहले लड़का बोलता है जमूरा समझ जाता है कि मदारी ने पहले लड़के का उल्लेख किया अतः जमूरे को उत्तर समझ में आ गया था इसी तरह मदारी आगे पूछता है बोल जमूरे बाबुजी के हाथ में क्या है झोला है झोले में क्या है कागज पत्तर है कोट-कचहरी का चक्कर है। बोल जमूरे जो पूछेंगा बतायेगा, बतायेगा बता बाबु साहब को क्या परेशानी है, रोजी-रोजगार की चिंता है पइसा हाथ में टिकता नहीं है। बोल जमूरे ये नौजवान पास होयेंगा की फेल, उत्तर मिलता थोड़ा मेहनत करना पड़ेंगा मोहब्बत का चक्कर छोड़ना पड़ेंगा।

सारे सवालों का सही उत्तर सुनकर लोग आश्चर्यचकित रह जाते थे तबतक मैं काफी सीख चुका था बोल मदारी जो पूछेंगा बतायेगा, हां बतायेगा लोगों का तकलीफ कैसे दूर होयेंगा तभी मदारी ताबिज डमरु निकालता है और बेचना शुरू करता है बाबु साहब ये जादुई ताबिज की किमत सिर्फ चार आना चार आना भीड़ में मेरे जैसे कुछ तयशुदा लोग खड़े रहा करते थे जो ताबिज खरीदते थे कोई नहीं बुलाने पर भी मदारी कहता अभी आया बाबु साहब एक मिनट साहब जी।
और इस तरह मदारी का खेल सांप और नेवले की लड़ाई हुए बगैर खतम हो जाता था ना सांप हारे ना नेवला ऐसी लड़ाई जो कभी हुई ही नहीं सपने दिखाकर सपना बेच देता था मदारी मदारी का वह खेल आजतक समझ से बाहर है।
बावजूद इसके लगता है की इस देश में जो जितना बड़ा नेता है वो उतना ही बड़ा मदारी है वो काम नहीं करना है जिसे बोलना है नया काम करना है नये सपने बेचने हैं नयी उम्मीद दिखानी है राजनीति का बस यही फलसफा है।

अब जमूरा बनकर स्वयं सोचें की फिलवक्त भारत में सबसे बड़ा मदारी कौन…?

Show More

Gopal Krishna Naik

Editor in Chief Naik News Agency Group

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!