छत्तीसगढ़जनसम्पर्क

लघुवनोपज का प्रसंस्करण कर महिलाएं हो रही आर्थिक उन्नति की ओर अग्रसर

बदलता दन्तेवाड़ाः नई तस्वीर : लघुवनोपज का प्रसंस्करण कर महिलाएं हो रही आर्थिक उन्नति की ओर अग्रसर

दंतेवाड़ादंतेवाड़ा जिला लघु वनोपज बहुलता जिला है यहां निवासरत लोगों के लिए लघु वनोपज प्राचीनकाल से ही जीविकोपार्जन का एक महत्वपूर्ण साधन रहा है। पूर्व में इसका उपयोग औषधि और खाद्य पदार्थ के रूप में किया जाता था। वर्तमान में इसका प्रसंस्करण कर लोगो को व्यवसाय का अवसर प्रदान किया जा रहा है। यहां पर महुआ, टोरा, इमली, छिंद फल, कांटा झाड़ू, तीखुर, लाख, बेल, जामुन, जैसे चीजों का उत्पादन किया जाता है। जिले में प्राप्त लघुवनोपजों का प्रसंस्करण कर विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थ बनाया जा रहा है। और उचित मूल्य पर बिक्री की जा रही है। जो स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। इस प्रसंस्करण केंद्र से महिलाओं को रोजगार मिल रहा है। जिले के वनोपज बाजार केंद्र जो संगवारी मेला स्वसहायता समूह द्वारा चलाया जा रहा है जिसमे 20 महिलाएं कार्यरत है। जिनके द्वारा महुआ का प्रसंस्करण कर लड्डू, हलवा, कुकीज, जैली, बनाया जा रहा है। तीखुर से सरबत, हर्बल काढ़ा, तुलसी पान, औषधि इमली चपाती, ढेंकी राइस, दलिया का निर्माण किया जा रहा है। अब तक स्वसहायता समूह को 4 लाख की आमदनी हो चुकी है जिसमे प्रत्येक महिला को प्रति माह 5-6 हज़ार की आमदनी हो रही है। वनोपज से बने खाद्य पदार्थ की मांग स्थानीय बाजार के साथ अन्य जगहों पर मांग बनी हुई है। इससे अधिक से अधिक लोगों को जोड़कर रोजगार का अवसर उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है।

Show More

Gopal Krishna Naik

Editor in Chief Naik News Agency Group

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!