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पुसौर का शैक्षिणिक स्तर छत्तीसगढ़ मे ऊंचा यूँ ही नहीं -शिव राजपूत


वरिष्ठ कलम के जादूगर शिव राजपूत के कलम से…


हरित सेवा समिति द्वारा भारत की प्रथम महिला शिक्षिका का जन्मदिन मनाया गया
अक्सर हम देश दुनियां की जानकारी रखते हैं और मोबाईल मे भी काफी कुछ मिल जाता है। मगर अफसोस कि हम अपने आस -पास उपेक्षित दबे पडे सुनहरे इतिहास को नजर अंदाज कर देते हैं जिन पर हमे गौरव करना चाहिए।


बहरहाल हम रायगढ जिले के शिक्षा जगत मे पुसौर के चमकीले अध्याय की बात करें तो पुसौर क्षेत्र का नाम जरूर आता है जहाँ आज भी प्रदेस स्तर के बोर्ड परिक्षाओं मे पुसौर का दबदबा दिखता है जिसमे हर साल यहां के बच्चे टाप टेन मे स्थान पाते हैं
ऐसा सिर्फ इत्तेफाक नहीं हो सकता इसके पीछे तो आईये भारत की पहली शिक्षिका सावित्रीबाई फुले के जन्मोत्सव कार्यक्रम पडिगाँव पर नजर डालते हैं।


हरित सेवा समिति पुसौर ने उपरोक्त समारोह रायगढ जिले के सावित्री बाई फुले के समकक्ष पकाला बाई के गांव मे मनाया ।
गौरतलब है कि वर्ष 1831से 1897 तक के जीवन काल मे महिला शिक्षा की शुरुआत करी वहीं करीब इसी दौर मे वर्ष 1852 मे स्थापित कन्याशाला पडिगाँव मे पहली महिला शिक्षिका बनकर पकाला बाई (कोल्ता) गुप्ता ने बालिका शिक्षा को बढावा दिया ।


इस महती आयोजन मे
बिलासिनी साव प्रेमाबाई सुमेधा बिलास श्रीवास सुमित्रा साव देवकी साव दुर्गाचरण गोपीनाथ चन्द्र भानु पटेल दीपक प्रधान
कार्यक्रम संयोजक सीताराम चौहान मंच संचालक प्रेम गुप्ता एवँ इस प्रतिनिधि शिव राजपूत आदि उपस्थिति थे वहीं परिजन श्रवण प्रधान ने पकाला बाई की तस्वीर उपलब्ध कराई ।

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Gopal Krishna Naik

Editor in Chief Naik News Agency Group

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