जामपाली कोल माइंस में कोयले का प्रोडक्शन बढ़ाने तैयारी है, उसमें केन्द्र सरकार से मंजूरी भी आ गई है। कोयले की जरूरत के कारण उत्पादन और डिस्पैच बढ़ा है। गुड्स ट्रेन के कारण यात्री ट्रेनें देर से चल रही हैं या कैंसल की जाती हैं। यह समस्या अभी कुछ महीनों तक जारी रहेगी। कोल प्रोडक्शन में 22 प्रतिशत ग्रोथ: एसईसीएल के पीआरओ सनीश चन्द्रा ने बताया कि इस साल कोल प्रोडक्शन का 15.5 मिलियन टन टारगेट है। इसमें अभी 9 मिलियन टन प्रोडक्शन कर चुके है, 4 मिलियन टन हमें मार्च तक पूरा करना है।
अभी के स्थिति में हम पिछले वर्षों की तुलना में 22 प्रतिशत ग्रोथ पर हैं। एसईसीएल को करीब 21 मिलियन टन कोल डिस्पैच का पर्यावरण स्वीकृति मिली हुई है, अभी गारे पेलमा, छाल, जामपाली, बेजारी, बरौद से ही हमने इतना प्रोडक्शन हो रहा है।
एसईसीएल के छाल माइंस एक्सटेंशन के लिए पांच गांव का अधिग्रहण
खोदापाली, लात,चन्द्रशेखरपुर, बंधापाली सहित एक अन्य गांव में जमीन का अधिग्रहण हुआ है। लात का व्यवस्थापन करना पड़ेगा। बाकी गांव में माइनिंग हो सकेगी। यहां व्यवस्थापन की जरूरत नहीं होगी। अफसरों के मुताबिक एसईसीएल जनवरी से खदानों का एक्सटेंशन करेगा। केन्द्र सरकार से एक एनओसी शेष रह गई है। इसके आते ही खनन की तैयारी शुरू होगी। इसके बाद उत्पादन और सड़क तथा रेल मार्ग पर दबाव और बढ़ेगा।
जामपाली माइंस में 6 मिलियन टन उत्पादन होगा, भारत सरकार से मंजूरी मिली
जामपाली माइंस में अभी 3 मिलियन टन सालाना प्रोडक्शन हो रहा है। उसे बढ़ाकर 6 मिलियन टन किया जाएगा। खनिज विभाग के प्रभारी उप संचालक योगेन्द्र सिंह ने बताया कि इस संबंध में केन्द्र सरकार का एक पत्र मिला है, जिसमें माइंस की क्षमता बढ़ाया जाना है। जो अभी 3 मिलियन टन को बढ़ा कर 6 मिलियन टन किया होना है। योगेन्द्र ने बताया कि इसमें नए क्षेत्र में माइनिंग नहीं होगी, जो इलाका पहले से प्रस्तावित है, जहां माइनिंग होगी।