रायगढ़ । घरघोड़ा थाना के अंतर्गत एक नाबालिग एवं मानसिक रूप से अस्वस्थ सड़क पर इधर-उधर भटकती महिला के साथ अनाचार की घटना होने एवं जिसके कारण उसके गर्भवती होने की सूचना 181 महिला हेल्प लाईन के माध्यम से जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को प्राप्त होने पर उसका प्राथमिक उपचार कराये जाने की कार्यवाही की गई। उपचार के दौरान पीडि़ता ने एक स्वस्थ बालक को जन्म दिया। तत्पश्चात पीडि़ता का जिला चिकित्सालय रायगढ़ में मनोरोग चिकित्सक को दिखाये जाने हेतु पत्राचार किया गया एवं मानसिक स्थिति ठीक न होने की रिपोर्ट पर उसका मानसिक उपचार सेन्दरी में कराये जाने हेतु मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी को पत्र प्रेषित किया गया। जिस पर उसका उपचार सेन्दरी में किया गया। पीडि़ता के स्वस्थ होने के पश्चात काउसिलिंग के दौरान इस तथ्य का उजागर हुआ कि उसके पिता के द्वारा पेलमा गांव के आरोपी दीपक एवं उसके पिता के पास 3 हजार रुपये में पीडि़ता को बेच दिया गया तथा आरोपीगण के द्वारा उसके साथ शारीरिक शोषण किया गया।
पीडि़ता के परिवार में पिता के अतिरिक्त अन्य कोई सदस्य नहीं होने एवं उसके रहवास की समस्या उत्पन्न होने पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा पराविधिक स्वयंसेवक को पीडि़ता के निवास स्थल पर भेजकर स्थिति का जायजा लिया गया तथा पीडि़ता का महिला एवं बाल विकास विभाग के सहयोग से पुनर्वास कराया जाकर उसे नारी निकेतन अम्बिकापुर भेजा गया था। जिसके स्वास्थ्य के संंबंध में समय-समय पर संबंधित जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, अम्बिकापुर के माध्यम से जानकारी ली जाती रही।
दिनांक 29 सितम्बर 2020 को उक्त अपराध के संबंध में समाचार पत्र में पत्र में प्रकाशित इस खबर पर कि घरघोड़ा थाना क्षेत्रान्तर्गत एक गांव में रहने वाले एक शख्स ने मानसिक हालत ठीक न होने पर अपनी नाबालिग बेटी को एक युवक के हाथों 3 हजार रुपये में बेच दिया गया और खरीददार युवक उसे अपने साथ घर ले जाया गया और उसका कई दिनों तक शोषण किया गया। युवक के पिता द्वारा भी किशोरी से दुष्कर्म किया गया।
किशोरी के गर्भवती हुई तो उसके लावारिस छोड़ दिया गया। प्रकाशित समाचार में पीडि़ता के मानसिक रोगी होने एवं अन्य तथ्यों के अतिरिक्त थाना प्रभारी घरघोड़ा द्वारा भारतीय दण्ड संहिता एवं पाक्सो एक्ट के अंतर्गत अपराध दर्ज होने की जानकारी होने पर इस प्राधिकरण द्वारा तुरंत संज्ञान लेते हुये संबंधित थाना प्रभारी घरघोड़ा से प्रथम सूचना पत्र की प्रतिलिपि प्राप्त की गई तथा जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग से समन्वय स्थापित किया गया तथा पीडि़ता के संदर्भ में पूछताछ की गई, जिस पर यह जानकारी प्राप्त हुई कि मामले की पीडि़ता थाना घरघोड़ा में दर्ज अपराध की विवेचना में सहयोग प्रदान करने नारी निकेतन अम्बिकापुर से रायगढ़ सखी वन स्टॉप सेन्टर लायी जा रही है, जिस पर प्रतिधारक अधिवक्ता श्रीमती वंदना सिंह एवं पैरालीगल वालिंटियर श्री नन्द कुमार चौहान को सखी वन स्टॉप सेन्टर भेजा गया तथा मामले की पीडि़ता को आर्थिक सहायता राशि दिलाये जाने हेतु विधिवत आवेदन भराकर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यालय में प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया गया। पीडि़ता की ओर से आर्थिक सहायता हेतु विधिवत आवेदन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को प्राप्त हो चुका है, जिस पर प्राधिकरण द्वारा अग्रिम कार्यवाही की जा रही है।