न्याय की बात पत्रिका में एक पेज गुरतुर छत्तीसगढ़ी शामिल
खरसिया।छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस के अवसर पर आज महात्मा गांधी स्नातकोत्तर महाविद्यालय खरसिया में छत्तीसगढ़ी कवि सम्मेलन आयोजित किया गया। सभी कवियों नर अपने बोली,भाखा के संवर्धन,विकास ,प्रचार प्रसार, एवं संस्कृति को बचाए रखने का आह्वान किया गया।
बता दें कि खरसिया में छत्तीसगढ़ी राज भाषा दिवस मनाई गई इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के प्रसिद्ध छत्तीसगढ़ी कवियों ने अपनी भाषा ,संस्कृति पर शर्म नही गर्व करने की बात कही गई।
कार्यक्रम में उपस्थित कवियों ने छत्तीसगढ़ महतारी की पूजा के साथ, “छत्तीस गढ़िया,सब ले बढ़िया” के नारे के साथ आगाज किया गया।
घरघोडा,धर्मजयगढ़,खरसिया एवं स्थानीय कवियों के द्वारा छत्तीसगढ़ी गीत,कविता,छंद,देश भक्ति, हास्य तथा श्रृंगार की रचनाएं प्रस्तुत की गई।
संजय बहिदार (घरघोडा), गुलाब सिंह कंवर “गुलाब”, डिग्री लाल जगत “निर्भीक”(खरसिया), राम खिलावन महिपाल (खरसिया), आनंद त्रिवेदी “आनंद”(सोंडका), झनक राम पटेल(छाल), नेतराम राठिया(घरघोडी -घरघोडा), मोती लाल राठौर, सुभद्रा राठौर,जयंत कुमार डनसेना (खरसिया),
वरिष्ठ कवि जवाहर पटेल (धर्मजयगढ़), डॉक्टर रमेश टंडन, प्रो. जयराम कुर्रे,(एम जी कालेज खरसिया)
के द्वारा उम्दा कविता पढ़ी गई।
इसके पूर्व कवियों का भव्य अभिनंदन किया गया। न्याय की बात मासिक पत्रिका में संपादक डिग्री लाल जगत “निर्भीक” द्वारा एक पेज ,” गुरतुर छत्तीसगढ़ी”नाम से देने की घोषणा की गई एवं विमोचन किया गया। जिसमें साहित्यकारों की छत्तीसगढ़ी रचनाएं प्रकाशित की जाएगी।इस कार्यक्रम में मुकेश रेशमा दुर्गा कौशल्या छाया डनसेना हेमलता दामिनी शकुंतला अंजली रंजना अनिल विवेक रोहित रेनू माधुरी सूरज जयप्रकाश की उपस्थिति रही कार्यक्रम का सफल संचालन प्रो डी के संजय,एवम आभार डॉक्टर आर के टंडन द्वारा किया गया।