प्रदेश के हर जिले में वीडियो कॉन्फ्रेंस से शुरू हुई मुकदमों की सुनवाई, अब गवाहों के बयान भी हो सकेंगे दर्ज…
बिलासपुर। प्रदेश के सभी जिला न्यायालयों में अब विचाराधीन बंदियों और गवाहों की वीडियो कांफ्रेंस से सुनवाई शुरू हो गई है। बिलासपुर के जिला एवं सत्र न्यायालय में प्रयोग की सफलता के बाद एक अगस्त से इसे पूरे प्रदेश में लागू कर दिया गया है।
हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस अरुप कुमार गोस्वामी, कंप्यूटर कमेटी के चेयरमैन जस्टिस पी सैम कोशी, सदस्य जस्टिस पार्थ प्रतीम साहू, जस्टिस एनके व्यास इस सुविधा को शुरू करने के दौरान हाईकोर्ट से जुड़े थे। वहीं जिला न्यायाधीश अपने-अपने जिलों से जुड़े।
केंद्रीय व जिला जेलों में वीडियो कांफ्रेंस के लिए एक विशेष कक्ष तैयार किया गया है, जहां से विचाराधीन बंदी न्यायालय से जुड़ेंगे। इसी तरह से गवाहों का बयान भी उनके ही स्थान से वीडियो कॉल के जरिये दर्ज कर लिया जाएगा। हाईकोर्ट की ओर से विभिन्न न्यायालयों में ई-कोर्ट प्रोजेक्ट के तहत आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं।
तेजी से निपटेंगे मुकदमे
विचाराधीन बंदियों को जेल से कोर्ट तक लाने में सुरक्षा संबंधी व्यवस्था का खर्च बचेगा, साथ ही मुकदमों के निपटारे में तेजी आएगी। बहुत से प्रकरणों में पुलिस अधिकारी, कर्मचारियों और डॉक्टरों को गवाही देने के लिए आना होता है, पर स्थानांतरण हो जाने के बाद उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता है। अब देश के किसी भी हिस्से से गवाह कोर्ट में बयान दे सकेंगे।
इस सुविधा के शुरू होने के पहले दिन विभिन्न अदालतों में 491 विचाराधीन बंदियों तथा गवाहों के बयान दर्ज किए गए।