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नेत्रदान करें,रोशनी की दुनिया का अंधेरा मिटाएं-एस एन केसरी

नेत्रदान करें,रोशनी की दुनिया का अंधेरा मिटाएं

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आंखें कुदरत का दिया हुआ अनमोल तोहफा हैं। उन्हीं की बदौलत आप इस संसार के खूबसूरत नजारे देख पाते हैं। आंखों की कीमत उनसे पूछो जिन्हें कम दिखता है या जो लोग देख ही नहीं सकते हैं। आपको अपनी आंखों की सुरक्षा को नजरअंदाज कभी नहीं करना चाहिए।

खरसिया विधान सभा क्षेत्र के ग्राम पंचायत बसनाझर में एसएन केसरी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी रायगढ़ के निर्देशानुसार डॉक्टर सुरेश राठिया खंड चिकित्सा अधिकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चपले के सफल मार्गदर्शन में

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चपले के नेत्र सहायक अधिकारी रामजी पटेल कन्हैयालाल पटेल आर एच ओ कृष्ण चंद पटेल पर्यवेक्षक एवं ग्रामीणों की उपस्थिति में…

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1. सुबह सूर्योदय से पहले उठें और उठते ही मुंह में पानी भरकर बंद आंखों पर 20-25 बार ठंडे पानी के छींटे मारें। याद रखें, मुंह पर छींटे मारते समय या चेहरे को पानी से धोते समय मुंह में पानी भरा होना चाहिए।

2. धूप, गर्मी या श्रम के प्रभाव से शरीर गर्म हो तो चेहरे पर ठंडा पानी न डालें। थोड़ा विश्राम कर पसीना सुखाकर और शरीर का तापमान सामान्य करके ही चेहरा धोएं।

3. आंखों को गर्म पानी से नहीं धोना चाहिए, इससे आंखों को नुकसान होता है।

4. बहुत दूर के पदार्थों या दृश्यों को देर तक नजर गड़ाकर न देखें, तेज धूप से चमकते दृश्य को न देखें, कम रोशनी में लिखना, पढ़ना व बारीक काम न करें।

5. नींद, आंखों में भारीपन, जलन या थकान महसूस हो तो काम तत्काल बंद कर आंखों को थोड़ा विश्राम दें।
6. देर रात तक जागना और सूर्योदय के बाद देर तक सोना आंखों के लिए हानिकारक होता है। देर रात तक जागना ही पड़े तो घंटा-आधा घंटे में एक गिलास ठंडा पानी पी लेना चाहिए।

7. आंखों को धूल, धुएं, धूप और तेज हवा से बचाना चाहिए। ऐसे वातावरण में ज्यादा देर न ठहरें। लगातार आंखों से काम ले रहे हों तो बीच में 1-2 बार आंखें बंद कर, आंखों पर हथेलियां हलके-हलके दबाव के साथ रखकर आंखों को आराम देते रहें।

8. कभी-कभी रोना आंखों के लिए फायदेमंद होता है। इससे मन के साथ-साथ आंखों की भी सफाई होती है।

नेत्रदान के प्रति लोगों को जागरूक करने के तमाम प्रयास के बावजूद नेत्रदान करने वालों का आंकड़ा उत्साह बढ़ाने वाला नहीं है। नेत्रदान और कार्निया प्रत्यारोपण के वर्तमान आंकड़ों पर गौर करें तो इसके दानदाता एक फीसदी से भी कम हैं। यही वजह है कि देश में 25 लाख लोग अभी भी दृष्टिहीनता की चपेट में हैं। देश में हर साल 80 से 90 लाख लोगों की मृत्यु होती है लेकिन नेत्रदान 25 हजार के आसपास ही होता है।

सांकेतिक चित्र

आंख किसी व्यक्ति के शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग होता है और अगर वही नहीं है तो व्यक्ति का जीवन किसी काम का नहीं। ऐसे लोगों की मदद के लिए अधिक से अधिक नेत्रदान कराने के लिए आई बैंक और तमाम सामाजिक संस्थाओं की ओर से जागरूकता कार्यक्रम चलाए जाते हैं। अक्तूबर के दूसरे बृहस्पतिवार को हर साल विश्व दृष्टि दिवस भी मनाया जाता है। इसका मकसद आंखों की बीमारियों और समस्याओं को लेकर लोगों को जागरूक करना है।

एक व्यक्ति दे सकता है चार लोगों को रोशनी

सांकेतिक चित्र –

हाल ही में आई बैंक एसोसिएशन ऑफ इंडिया के वार्षिक सम्मेलन में जुटे देश भर के नेत्र रोग विशेषज्ञों ने 2020 तक कार्निया की जरूरत के इस अंतर को कम करने का संकल्प लिया लेकिन नेत्रदान के प्रति समाज में जागरूकता की कमी को लेकर उनकी चिंता झलकी। डॉक्टर बताते हैं कि रक्तदान की तरह ही नेत्रदान के लिए जागरूकता बढ़ाकर ही दृष्टिहीनों की संख्या में कमी लाई जा सकती है।

मृत्यु के बाद एक व्यक्ति चार लोगों को रोशनी दे सकता है। पहले दोनों आंखों से केवल दो ही कार्निया मिलती थी लेकिन अब नई तकनीक आने के बाद से एक आंख से दो कार्निया प्रत्यारोपित की जा रही हैं। डीमैक तकनीक से होने वाला यह प्रत्यारोपण शुरू हो गया है। खास बात यह है कि व्यक्ति के मरने पर उसकी पूरी आंख नहीं बदली जाती है केवल रोशनी वाली काली पुतली ही लिया जाता है। दोनों कार्निया एक साथ नहीं बदली जाती है। मौत के छह घंटे तक ही कार्निया प्रयोग लायक रहता हैं।

देश में अभी 25 लाख लोग ऐसे हैं, जिन्हें कार्निया की जरूरत है। अगर उन्हें समय से कार्निया मिल जाए तो वे दुनिया का हर रंग देख पाएंगे।

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जन्मदिन की बधाई शुभकामना साधुवाद

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Gopal Krishna Naik

Editor in Chief Naik News Agency Group

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