खरसिया कांग्रेस का अभेद किला माना जाता है, जहां कांग्रेस का प्रत्याशी कभी पराजित नहीं हुआ है.
शहीद नंदकुमार पटेल ने खुद खरसिया विधानसभा क्षेत्र बड़ी मेहनत से कांग्रेसगण बनाए है।
शहीद नंदकुमार पटेल के बाद उनके पुत्र उमेश पटेल ने राम के वनवास पर भरत ने राम के कठाऊ को सिंहासन पर रख राज्य का संचालन किया वैसे ही आज शहीद नन्द कुमार पटेल, शहीद दिनेश पटेल का छायाचित्र रख सम्हाला रहे है।यह खरसिया विधानसभा कांग्रेस गण , नंद गण कहलाते है।
पूर्व प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष शहीद नंद कुमार पटेल के पुत्र उमेश पटेल अपने पिता की झीरम घाटी में नक्सली हमले में हुई मौत के बाद खरसिया विधानसभा सीट पर न केवल उनकी बल्कि एक तरह से कांग्रेस की विरासत को संभाल रहे हैं।
उमेश पटेल ने झीरम घाटी कांड में पिता के साथ भाई दिनेश पटेल को भी खोया है।
कांग्रेस सरकार आने के बाद शाहिद नंदकुमार पटेल के परिवार का कहना है कि झीरम घाटी कांड के गुनहगारों को सरकार सजा दिलाएगी।
उमेश पटेल ने काफी संघर्ष किया है,
छत्तीसगढ़ के सबसे युवा मंत्री बने उमेश पटेल, गमगीन माहौल में संभाली थी राजनीतिक जिम्मेदारी
उमेश पटेल के पिता नंदकुमार पटेल कांग्रेस के दिग्गज नेता थे.
वे प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष भी थे. झीरम घाटी हमले में नंदकुमार पटेल की हत्या नक्सलियों ने कर दी थी.
उमेश पटेल छत्तीसगढ़ में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सहज और सरल युवा नेताओं में से एक हैं। इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के पश्चात राजनीति में कदम रखने वाले उमेश वर्तमान में खरसिया विधानसभा क्षेत्र से विधायक, मंत्री हैं।
युवाओं के साथ खासा लगाव रखने वाले उमेश 2018 में लगातार दूसरी बार चुनाव जीतने के बाद कैबिनेट में शामिल हुए और
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उन्हें उच्च शिक्षा,कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, खेल और युवा कल्याण विभाग का जिम्मेदारी सौंपे।