रायगढ़ । छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद विगत दो दशक के अंतराल में हमारे राज्य की तस्वीर हर दृष्टि से बदली है और लोग अपनी जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए मेहनत भी कर रहे हैं। वहीं हमारे समाज की महिलाएं भी अब पहले की तरह नहीं हैं जीवन में शिक्षा को महत्व देते हुए साथ ही समाज की रुढ़िवादी परंपरा को त्यागकर सामाजिक व आर्थिक क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। इसी तरह सरकार व प्रशासन के अतिरिक्त निजी संस्थाएं भी महिला सशक्तिकरण की दिशा में बेहतर प्रयास के लिए प्रयासरत हैं यह कहना है रायगढ़ मां भवानी महिला शक्ति फौज संस्था के महिला जन जागरुकता सम्मेलन कार्यक्रम में शिरकत करने आईं पद्मश्री से सम्मानित फूलबासन देवी यादव ने अपने विचारों को शेयर की।
उन्होंने कहा कि हमारी संस्था राजनांदगांव में विगत 23 वर्षों से संचालित है। वहीं बिना सरकार व प्रशासन या कोई निजी संस्था के सहयोग के हमने मेहनत कर अपनी टीम को आगे बढ़ाया। वर्तमान में हमारी संस्था एक कंपनी बन चुकी है और पूरे राज्य से दो लाख चौदह हजार महिला स्व सहायता समूह जुड़ चुकी हैं साथ ही हमारी संस्था की राशि से ही सभी कार्य संचालित हो रहे हैं और सभी नि:स्वार्थ भाव से अपना योगदान दे रहे हैं। वहीं मेरा यही कहना है कि हर व्यक्ति को अपनी खुद की मेहनत व प्रतिभा से आगे बढऩा चाहिए।
महिलाओं को संगठित करना है
उन्होंने कहा कि पूरे छत्तीसगढ़ की महिलाओं को संगठित करने का हमारा प्रमुख उद्देश्य है ताकि वे आत्मनिर्भर बनकर आगे बढ़ें। वहीं हमारे समाज की महिलाओं को मधुमक्खी के छत्ते की तरह संगठित होकर रहना है तभी हमारे समाज व देश का विकास होगा। वहीं इस दिशा में आगे बढऩे के लिए हमारी संस्था के माध्यम से शिक्षा, रोजगार, आत्मनिर्भरता के विकल्प, स्वच्छता और युवतियों को आत्मरक्षार्थ के कार्य व नशा मुक्ति को पहली प्राथमिकता दी जा रही है और टीम के सभी समर्पित होकर काम भी कर रहे हैं।
छत्तीसगढ़ में किया जा रहा विस्तार
पद्मश्री फूलबासन देवी ने कहा कि इन दिनों पूरे छत्तीसगढ़ के हर जिले में मेरा दौरा कार्यक्रम चल रहा है और हर जिले में संस्थान का गठन किया जा रहा है साथ ही समाज की महिलाएं और युवतियों में कुछ कर गुजरने के लिए उत्साह है। यही कारण है कि वे हमारी संस्था से जुड़ रही हैं।
बेटियों के लिए नयी पहल
उन्होंने कहा कि वर्तमान समय को देखते हुए समाज की बेटियों को सुरक्षा देने के लिए अब हमारी संस्था आत्मरक्षार्थ के लिए विशेष पहल कर रही है। इसके माध्यम से समाज की बेटियों को मार्शल आर्ट से प्रशिक्षित बेटियां स्कूल व कॉलेज की युवतियों को आत्मरक्षा व निर्भय होकर जीवन जीने के लिए विशेष प्रशिक्षण दे रही हैं, जिसका पहला शुभारंभ राजनांदगांव में हो चुका है। इसके बाद गरियाबंद में प्रारंभ हुआ है। वहीं अब रायगढ़ शहर की बेटियों को भी इस कला से प्रशिक्षित किया जाएगा जिसका शुभारंभ हो गया है। इसी तरह बेटियों के लिए इस आत्मरक्षार्थ प्रशिक्षण कार्यक्रम को पूरे छत्तीसगढ़ के स्कूल व कॉलेज में नव आयाम दिया जाएगा। जिसकी पूरी प्लानिंग हो चुकी है साथ ही कार्य को भी गति दी जा रही है।
बदलेगी हमारे समाज की तस्वीर
उन्होंने कहा कि समाज की महिलाओं की सामाजिक, आर्थिक व मानसिक स्थिति में बेहतर सुधार के लिए मेहनत की जा रही है। इसका परिणाम भी अच्छा देखने को मिल रहा है। भविष्य में हमारे समाज की स्थिति बहुत अच्छी होगी। वहीं हमारे समाज की महिलाएं भी रुढि़वादी परंपरा को त्यागकर जीवन में आगे बढऩे के लिए आगे आ रही हैं और मेहनत भी कर रहीं, जिसका परिणाम भी भविष्य में बेहतर ही आएगा।