अजब गजब दुनिया,कहीं कुत्ते सूंघकर कर रहे कोरोना की पहचान,तो कहीं संक्रमितों को भरा जा रहा बक्सों में…
न्यूयॉर्क/बीजिंग/नई दिल्ली । कोरोना संक्रमण ने पूरी दुनिया में कोहराम मचा रखा है। सभी देश कोरोना के डेल्टा और ओमीक्रॉन वेरिएंट से जूझ रहे हैं। अमेरिका में संक्रमितों की पहचान करने के लिए अब कुत्तों का भी सराहा लिया जा रहा ही। वहीं चीन में कई कोविड संक्रमित मरीजों को मेटल बॉक्सों में कैद कर दिया गया है।
यह तो सभी जानते हैं कि कुत्तों की सूंघने की क्षमता मनुष्यों से कई गुना तेज होती है। कुत्ते सूंघ कर कैंसर तक का पता लगा लेते हैं। अब तक आपने खोजी श्वानों का उपयोग सेना व पुलिस द्वारा बमों, संदिग्ध वस्तुओं व व्यक्तियों, पहाड़ों पर बर्फ में दबे लोगों को ढूंढ निकालने आदि महत्वपूर्ण कामों को अंजाम देते सुना व देखा होगा। लेकिन अमेरिका में विशेष रूप से प्रशिक्षित श्वान अब कोविड पॉजिटिव रोगियों की पहचान भी करने लगे हैं। यदि इन्होंने आप में कोरोना वायरस की पुष्टि कर दी तो आपको आरटीपीसीआर टेस्ट कराने की जरूरत नहीं है। ये सूंघने की दिव्य शक्ति के दम पर कोविड-19 की पुष्टि कर रहे हैं।
अमेरिका में खोजी कुत्तों का इस्तेमाल कैंसर, डायबिटीज व पार्किंनसंस जैसे रोगों की पहचान में भी किया जा रहा है। इस प्रक्रिया को ‘बायो डिटेक्शन’ या जैविक पड़ताल कहा जाता है। इस तरीके से रोग की जांच में किसी रसायन के इस्तेमाल की जरूरत नहीं पड़ती। 2019-20 में जब कोरोना महामारी फैली थी तो अमेरिकी वैज्ञानिकों ने कोरोना की पड़ताल में खोजी श्वानों की सेवाएं लेने का प्रयोग शुरू किया था। अब इसमें कामयाबी मिल गई है।
कोरोना संक्रमित के शरीर से निकलते हैं वीओसी
अमेरिकी सरकार के नेशनल सेंटर फॉर बॉयो टेक्नालॉजी इंफर्मेशन (NCBI) का कहना है कि श्वान अपनी दिव्य शक्ति के दम पर किसी पदार्थ के 1.5 खरब वे अंश का भी पता लगा सकते हैं। जब कोई बीमार पड़ता है तो उसके शरीर में से खास तरह के वोलेटाइल आर्गेनिक कंपाउंड (VOC) निकलते हैं। ऐसे में जब कोई व्यक्ति कोरोना संक्रमित होता है तो उसके शरीर से आने वाली विशेष गंध को ये ये श्वान पहचान लेते हैं। इन्हें ही बॉयो डिटेक्शन डॉग्स कहा जाता है।
वहीं अमेरिका से उलट चीन अपनी ‘जीरो कोविड पॉलिसी’ के तहत अपने ही नागरिकों से खिलवाड़ कर रहा है। सोशल मीडिया में आए कुछ वीडियो से पता चलता है कि लाखों लोगों को जहां क्वारंटाइन शिविरों में रखा गया है, वहीं कई संक्रमित मरीजों को मेटल बॉक्सों में कैद कर दिया गया है। अगले माह चीन विंटर ओलिपिंक की मेजबानी करने वाला है, इसे देखते हुए सख्ती और बढ़ा दी गई है।
सोशल मीडिया में चीन के वीडियो वायरल हो रहे हैं। इनसे पता चलता है कि सख्त पाबंदियों के नाम पर वहां नागरिकों के साथ किस तरह का व्यवहार हो रहा है। यह किसी बुरे सपने से कम नहीं है। गर्भवती महिलाओं, बच्चों व बुजुर्गों को भी मेटल के इन बॉक्सों में रखा जा रहा है। कोविड संक्रमितों होने पर इन बॉक्सों में दो सप्ताह के लिए कैद कर दिया जाता है। इनमें लकड़ी के पलंग व टॉयलेट बनाए गए हैं।
आधी रात को कहा जा रहा, घर छोड़ो और कैंप में चलो
खबरों में कहा गया है कि यदि किसी क्षेत्र में एक संक्रमित भी मिल जाए तो पूरे इलाके के लोगों को क्वारंटीन किया जा रहा है। उन्हें बसों में भर भरकर कैंपों में ले जाया जा रहा है। कहा गया है कि संक्रमित मिलने पर कई इलाकों के लोगों को आधी रात को कहा जाता है कि उन्हें घर छोड़ना होगा और क्वारंटीन कैंप में चलना होगा। चीन में संक्रमितों व उनके संपर्क में आए लोगों का पता लगाने की भी सख्त नीति है। इसके तहत हर व्यक्ति को ‘ट्रैक एंड ट्रेस’ एप्स अपने मोबाइल में रखना जरूरी है। इसके जरिए किसी व्यक्ति के संक्रमित होने पर उसके संपर्क में आए सारे लोगों का पता लगाकर उन्हें क्वारंटीन कैंपों में भेज दिया जाता है।
तियानजिन में ओमिक्रॉन से हड़कंप, लॉकडाउन की आशंका
उधर, चीन के तियानजिन शहर में बीते दिनों ओमिक्रॉन के केस मिलने के बाद हड़कंप मच गया है। लोगों को लॉकडाउन की आशंका है, इसलिए वे घबराहट में खाने पीने के सामान की खरीदारी कर रहे हैं।
दो करोड़ लोग घरों में कैद, खाने पीने के सामान के लाले
चीन में करीब दो करोड़ लोगों को घरों में कैद कर दिया गया है। यहां तक उन्हें खाने पीने का सामान लेने भी बाहर नहीं निकलने दिया जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बीते दिनों एक गर्भवती महिलो का अस्पताल नहीं जाने दिया गया और इस कारण उसे गर्भपात हो गया। इसके बाद चीन में सख्त कोविड नियमों को लेकर बहस छिड़ गई है।
चीन में लॉकडाउन को लेकर भी सख्त नीति है। यदि किसी शहर में लॉकडाउन लग गया तो समझो मौत तय है। इसी डर के मारे कुछ लोग शहर छोड़कर भागते भी नजर आए। ट्विटर पर सांगपियांग नाम के एक चीनी नागरिक ने चीन की सख्त कोविड नीति व उसके नाम पर नागरिकों के दमन के वीडियो साझा किए हैं। 2019 में चीन से कोरोना वायरस पूरी दुनिया में फैला था। इसके बाद चीन ने अत्यंत कड़ा लॉकडाउन लागू किया था। तब भी चीन के कड़े कोविड नियम लागू किए गए थे। इसके वीडियो भी पूरी दुनिया में चर्चित हुए थे।