गिरवर साहू बंटी चुने गए सभापति; कांग्रेस प्रत्याशी को मिले 44 वोट, BJP को सिर्फ 22
भिलाई-चरौदा और रिसाली नगर निगम के बाद अब भिलाई की शहर सरकार पर कांग्रेस का कब्जा हो गया है। भिलाई के 5वें मेयर नीरज पाल चुने गए हैं। वहीं सभापति पद के लिए गिरवर साहू बंटी चुनाव जीत गए हैं। दोनों को ही 44 वोट मिले हैं। जबकि BJP उम्मीदवार को सिर्फ आधे 22 वोट से ही संतोष करना पड़ा। खास बात यह है कि BJP ने ही क्रॉस वोटिंग हो गई। उनके ही दो पार्षदों ने उम्मीदवार को वोट नहीं दिए।इससे पहले सभी 70 नव निर्वाचित पार्षदों को शपथ ग्रहण कराया गया।जीत की खुशी।नगर निकाय चुनाव में कांग्रेस को 37 वोट मिले थे। जबकि भाजपा के खाते में 24 सीटें गई थीं। इसके साथ ही 9 निर्दलीयों ने भी जीत दर्ज की थी। बहुमत नहीं होने के बावजूद BJP ने महेश वर्मा को महापौर प्रत्याशी बना दिया। वहीं श्यामसुंदर राव को सभापति के लिए प्रत्याशी बनाया। इसके अलावा मेयर के लिए निर्दलीय योगेश साहू और सभापति उम्मीदवार अनीता अजय साहू को 4-4 वोट मिले।नवनिर्वाचित पार्षदों को दिलाई गई शपथ।रोते हुए गईं पार्षद सुभद्रा सिंहदूसरी ओर मेयर की बड़ी उम्मीदवार मानी जा रही कांग्रेस पार्षद सुभद्रा सिंह नाराज हो गई हैं। उन्होंने पार्षद पद से इस्तीफे का ऐलान कर दिया है। उन्हें मनाने की भी तमाम कोशिशें हुईं, लेकिन फायदा नहीं हुआ। वह निगम से रोते हुए बाहर निकलीं। कहा कि पार्टी में काम करने वालों की कद्र नहीं हैं। उन्हें मुख्यमंत्री से कोई शिकायत नहीं है। वह अपनी बात उनके सामने रखेंगी। महापौर और सभापति के नाम को लेकर सबसे बड़ी खींचतान इसी निगम में थी। यहां कांग्रेस कई धड़ों में बंटी हुई शुरू से दिखाई दे रही थी।निगम से रोते हुए बाहर निकलीं पार्षद सुभद्रा सिंह।कांग्रेस को था शुरू से बगावत का डरपार्षदों में किसी भी तरह की कोई गुटबाजी या बगावत न हो, इसके लिए भी पार्टी अलर्ट है। इसीलिए पुरी से लौटकर आए सभी 70 पार्षदों को बुधवार को रायपुर के निजी होटल में ठहराया गया। यहां मंत्री मोहम्म्द अकबर और जिले के चुनाव प्रभारी व पर्यवेक्षक गिरीश देवांगन ने शाम को हर एक पार्षद से व्यक्तिगत रूप से मिलकर महापौर और सभापति के नाम को लेकर उनकी राय जानी। इसमें कुछ पार्षदों ने देवेंद्र यादव की पसंद तो कुछ ने खुद की दावेदारी बताई। वहीं आधे से अधिक पार्षदों ने मुख्यमंत्री के निर्णय को अपना निर्णय बताया था।