- वन अधिकार पट्टाधारियों को मनरेगा के जरिये जोड़ा जा रहा आजीविका मूलक गतिविधियों से
- 6 हजार से अधिक हितग्राही हुए लाभान्वित
रायगढ़-हितग्राहियों की कम उपजाउ एवं सिंचाई के साधनविहीन भूमि को दृष्टिगत रखते हुये, उनकी जीवन स्तर में सुधार लाने एवं इनके आजीविका संर्वधन हेतु राज्य शासन द्वारा विस्तृत कार्ययोजना तैयार की गई है। वर्तमान में प्रति व्यक्ति वन अधिकार पत्र धारक को 200 दिवस औसतन रोजगार प्रदाय किये जाने हेतु लक्ष्य रखा गया है। लक्ष्य के अनुरूप जिले में महात्मा गांधी नरेगा योजनांतर्गत ज्यादा से ज्यादा वन अधिकार पट्टाधारी हितग्राहियों को लाभान्वित किये जाने हेतु कार्यवाही की जा रही है।
महात्मा गांधी नरेगा योजनांतर्गत एफआरए (वन अधिकार पट्टा) के संबंध में आदिवासी विकास शाखा से कुल 12 हजार 910 हितग्राहियों की सूची प्राप्त हुआ है, जिसमें से नरेगा सॉफ्टवेयर में कुल 9 हजार 176 हितग्राहियों का रजिस्ट्रेशन हुआ है। महात्मा गांधी नरेगा के तहत एफआरए हितग्राहियों को लगातार लाभान्वित किया जा रहा है। अब तक रायगढ़ जिले में नरेगा के तहत कुल 6 हजार 219 हितग्राहियों को लाभान्वित किया जा चुका है, जिसमें से बरमकेला विकासखण्ड से 50 हितग्राही, धरमजयगढ़-3063, घरघोड़ा-794, खरसिया-328, लैलूंगा-1382, पुसौर-28, रायगढ़-20, सारंगढ़-271 एवं तमनार से-283 इस प्रकार विकासखण्डवार हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है तथा शेष हितग्राहियों को भी लाभान्वित हेतु कार्यवाही की जा रही है।
महात्मा गांधी नरेगा अंतर्गत एफआरए के तहत पूर्व वर्ष एवं वर्तमान वित्तीय वर्ष में अब तक 5474 हितग्राहियों को भूमि समतलीकरण हेतु लाभान्वित किया जा चुका है, इसी प्रकार से कुंआ-193, डबरी- 252, गाय कोठा-187, मुर्गी-30, बकरी शेड-54, सुअर शेड-28 तथा वृक्षारोपण हेतु-01 हितग्राहियों को लाभान्वित किया गया है।
07 एफ.आर.ए.क्लस्टर से 110 हितग्राही को मिला फायदा
एफ.आर.ए.क्लस्टर-महात्मा गांधी नरेगा के तहत एफआरए क्लस्टर निर्माण का भी प्लान किया जा रहा है, जिले में कुल 07 विकासखण्डों में एफआरए क्लस्टर का निर्माण किया गया है, जिसमें अब तक 110 एफआरए हितग्राहियों को लाभान्वित किया जा चुका है, एफआरए क्लस्टर अंतर्गत भूमि समतलीकरण, कुंआ, डबरी, गाय कोठा, वर्किंग शेड निर्माण कार्य, मिट्टी मुरूम सड़क निर्माण कार्य, मुर्गी पालन शेड निर्माण, बकरी पालन केन्द्र, सामूहिक मेड बंधान कार्य, परकुलेशन टैक निर्माण, सिंचाई नाली, बोर खनन, चैन लिंक तार फेन्सिग निर्माण कार्य, कृषि आदान सामग्री (बीज खाद, ड्रीप/ स्प्रींकलर एवं कृषि उपकरणद्ध) ड्रीप स्प्रींकलर निर्माण आदि कार्य स्वीकृत किये गये हैं।
उक्त कार्यों की स्वीकृति डीएमएफ शाखा के अभिसरण से किया गया है। डीएमएफ से 07 क्लस्टर हेतु 01 करोड़ रूपये का अभिसरण अनुदान राशि प्राप्त हुई है।
इस प्रकार शासन के मंशानुरूप ज्यादा से ज्यादा एफआरए हितग्राहियों को लाभान्वित किये जाने हेतु जिले में महात्मा गांधी नरेगा के तहत निर्माण कार्यों की स्वीकृति संबंधी कार्यवाही की जा रही है।