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विवाद के बाद आईटी मंत्री से बातचीत करना चाहता है ट्विटर, कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर चिंतित

ट्विटर ने कहा कि वह आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद के पास फॉर्मल बातचीत के लिए पहुंचा है और नोटिस को लेकर अपडेट भी दिया है. इसके साथ ही ट्विटर ने अपने कर्मचारियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता बताया है.

नई दिल्ली: ट्विटर ने सोमवार को कहा कि वह इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी मंत्री रविशंकर प्रसाद के पास फॉर्मल बातचीत के लिए पहुंचा है और उसने कुछ अकाउंट को बंद करने के आदेश का पालन नहीं करने के बाद भेजे गए नोटिस को लेकर सरकार के साथ अपडेट भी शेयर किया है. मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि ट्विटर ने सरकार के आदेश के बाद अस्थायी रूप से ब्लॉक किए गए 257 अकाउंट्स को बहाल कर दिया और इसके बाद मंत्रालय के साथ टकराव हो गया. इसके बाद सरकार ने एक और नोटिस भेजा और कहा कि कानून के अनुसार ट्विटर को सरकार के आदेश का पालन करना चाहिए था. इसमें दंड संबंधी प्रावधान शामिल हो सकते हैं.

गुरुवार को सरकार ने ट्विटर को नया नोटिस भेजकर 1,178 अकाउंट्स को ब्लॉक करने के लिए कहा था. इनके खालिस्तान समर्थकों से जुड़े होने या पाकिस्तान सपोर्टड होने का संदेह है और किसानों के आंदोलन को लेकर माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म का मिसयूज करने की आशंका है.

कर्मचारियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता
वहीं, एक प्रवक्ता ने कहा, “हमारे कर्मचारियों की सुरक्षा ट्विटर के लिए सर्वोच्च प्राथमिकता है. हम भारत सरकार के साथ सम्मान से जुड़े रहे हैं और औपचारिक बातचीत के लिए माननीय मंत्री के पास पहुंचे हैं. एक नोटिस की प्राप्ति के बारे में भी औपचारिक रूप से सूचित किया है.”

इसके साथ यह भी संकेत दिया कि सरकार के अनुरोध पर इसकी स्थिति नहीं बदली है. प्रवक्ता ने कहा, “हम दृढ़ता से मानते हैं कि सूचना का खुला और फ्री एक्सचेंज वैश्विक स्तर पर सकारात्मक प्रभाव डालता है और इसलिए ट्वीट लगातार जारी रहने चाहिए.”

जैक डोर्सी के ट्वीट लाइक करने को लेकर भी उठे सवाल
वहीं, ट्विटर के सीईओ जैक डोर्सी ने कुछ ट्वीट्स को लाइक किया, जिसमें किसानों के विरोध को लेकर सिंगर रिहाना के रुख का समर्थन किया गया था. जैक ने वाशिंगटन पोस्ट के पत्रकार करेन अट्टैया की एक पोस्ट भी लाइक की थी, जिसमें दावा किया गया था कि रिहाना के ट्वीट से भारत सरकार हिल गई. इसके बाद उनकी तटस्थता को लेकर भी सवाल उठाए गए थे.

 

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