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21 हजार से ज्यादा वेतन पाने वाले लोग भी ईएसआई के दायरे में आएं, भारतीय मजदूर संघ ने की मांग

श्रम मंत्रालय में मंगवार को ऑक्यूपेशनल सेफ्टी हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशन और सोशल सिक्योरिटी कोड के नियमों को लेकर बैठक हुई। इस बैठक में भारतीय मजदूर संघ ने सभी वर्गों के मजदूरों के लिए अपनी पूरी सर्विस के दौरान 300 दिन की छुट्टियां देने के अधिकार की मांग को उठाया।

भारतीय मजदूर संघ के जोनल सेक्रेटरी पवन कुमार ने अमर उजाला को बताया कि अभी तक अपनी पूरी सर्विस के दौरान जर्नलिस्ट को जर्नलिस्ट एक्ट के तहत 90 दिन की छुट्टियों को जमा करने का अधिकार है।

वहीं सेल्फ प्रमोशन कर्मचारी को 120 दिन की छुट्टियां जमा करने और फैक्ट्री वर्कर को 240 छुट्टियां जमा करने का अधिकार है। हमने बैठक में मांग रखी है कि सभी वर्गों के लोगों को 300 दिन की छुट्टियां जमा करने का अधिकार होना चाहिए।

उन्होंने बताया कि सरकार जो नियम बना रही है, वह केवल 20 फीसदी मजदूरों पर ही लागू हो रहे है। 80 फीसदी मजदूरों का मामला अभी भी राज्य सरकारों पर छोड़ रखा है। हमने मांग की है कि सभी वर्गों के मजदूरों को एक ही नियम के दायरे में रखा जाना चाहिए।

इसके अलावा बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन वर्कर, जर्नलिस्ट कैटेगरी, सिने वर्कर्स के लिए अलग से नियम बनाए जाने चाहिए। हमने मांग रखी है कि मजदूरों के लिए जीपीएफ की सीमा 15 हजार से बढ़ाकर 21 हज़ार रुपये की जानी चाहिए। वहीं 21 हजार से ज्यादा वेतन पाने वाले मजदूरों को भी ईएसआई के दायरे मे रखा जाए।

ईएसआई और ईपीएफ बोर्ड में कर्मचारियों और मालिक का एक एक प्रतिनिधि और सरकार के दो प्रतिनिधि को शामिल करने का सुझाव भी बैठक में रखा गया है।

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