मुरैना में कांवड़ियों को ट्रक ने कुचला,02 की मौत06 से ज्यादा गंभीर घायल
मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में सोमवार को एक सड़क हादसे में दो कांवडि़यों की मौत हो गई, जबकि छह गंभीर रूप से घायल हो गए. हादसे के बाद कांवड़ियों ने एनएच-44 पर जाम लगा दिया. काफी देर तक कांवड़िए हाईवे जाम किए रहे. पुलिस अधिकारियों के समझाने-बुझाने के बाद वह शांत हुए…
मध्य प्रदेश के मुरैना जिले में एनएच-44 पर एक बड़ा सड़क हादसा हो गया. सिविल लाइन थाना क्षेत्र अंतर्गत घड़ियाल केंद्र के सामने तेज रफ्तार ट्रक ने एक ट्रैक्टर को टक्कर मार दी, जिसमें दो कांवड़ियों की मौके पर ही मौत हो गई. वहीं, छह से ज्यादा कांवड़िए घायल हो गए. हादसे के बाद गुस्साए कांवड़ियों ने एनएच-44 को जाम कर जमकर हंगामा काटा. इसी दौरान कांवड़ियों ने ट्रक ड्राइवर की पिटाई भी की, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया
वहीं सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे SP सिटी राकेश गुप्ता और सिविल लाइन थाना पुलिस ने कांवड़ियों को समझा-बुझाकर जाम खत्म करवाने की कोशिश की, लेकिन जब कावड़ियों ने SP सिटी राकेश गुप्ता की नहीं सुनी तो SP शैलेंद्र सिंह चौहान और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अरविंद सिंह ठाकुर मौके पर पहुंचे. दोनों अधिकारियों ने किसी तरह कांवड़ियों को समझा-बुझाकर शांत कराया और एनएच-44 पर लगे जाम को खत्म कराया.
वहीं पुलिस ने कांवड़ियों को दूसरे की गाड़ी की मदद से उनके गंतव्य के लिए रवाना किया. हादसे का शिकार हुएसभी कांवड़िए सिहोनिया क्षेत्र के थे और उत्तर प्रदेश से डाक कांवड़ लेकर आ रहे थे. सभी मुरैना शहर की तरफ एनएच-44 से एंट्री कर ही रहे थे, इसी दौरान यह हादसा हो गया.
कांवडियों ने व्यवस्था पर उठाए सवाल
एसपी मुरैना ने हादसे की जांच के आदेश दिए हैं. वहीं कांवड़ियों की पिटाई से ट्रक ड्राइवर की हालत नाजुक बनी हुई है. उसको इलाज के लिए ग्वालियर रेफर किया गया है. जिन दो कावड़ियों की मौत हुई है, उनके शवों को पोस्टमार्टम हाउस में रखवा दिया गया है. कांवड़ियों का कहना है कि मुरैना में पुलिस-प्रशासन की तरफ से कोई व्यवस्था नहीं की गई थी, जबकि नजदीक राज्य उत्तर प्रदेश में योगी सरकार द्वारा कांवड़ियों के लिए स्पेशल व्यवस्था की गई है. चारों तरफ पुलिस व्यवस्था में लगी हुई है. मुरैना में जब उन लोगों ने प्रवेश किया तो वहां पुलिस-प्रशासन की कोई व्यवस्था नहीं थी, जिसके परिणाम स्वरूप यह हादसा हुआ.
पुलिस अधिकारियों से कांवड़ियों की हुई बहस
हादसे के बाद कांवड़िया काफी देर तक पुलिस अधिकारियों से बहस करते रहे. वह इस बात पर अड़े रहे कि हम एनएच-44 पर जाम नहीं खोलेंगे. चाहे हमको गोली मार दी जा. उनका कहना था कि हमारे ग्रामीण इलाकों में ऐसी मान्यता है कि अगर कांवड़ खराब हो जाए तो उसे लाने वालों को समाज से अलग कर दिया जाता है. अब हमारी कांवड़ बिगड़ चुकी है. हम घर वापस लौटकर नहीं जा सकते हैं. इस दौरान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक ने कांवड़ियों की बात को गंभीरता से सुना और कहा कि हम इस हादसे की जांच कराएंगे.