खरसियाछत्तीसगढ़विविध खबरें

नंदेली के लाल नरेश पटेल ने हासिल की पीएचडी डिग्री…

खरसिया। यूं तो नंदेली के माटी ने कई सपुतो को आपने गृह ग्राम के नाम देश प्रदेश तक रोशन करने को जानी है उसी में एक और नाम जुड़ चला है।पुलिस महकमे में निरीक्षक पद पर पदस्थ नरेश पटेल ने दुर्ग के हेमचंद विश्वविद्यालय से पीएचडी की डिग्री हासिल कर ली है। निरीक्षक पटेल को यह डिग्री छत्तीसगढ़ में पुलिस व्यवस्था के दो दशक दुर्ग जिले के विशेष संदर्भ में किए गए शोध कार्य के लिए दी गई है। उन्हें विश्वविद्यालय की तरफ से 17 मई को यह उपाधि जारी हुई है।

उल्लेखनीय है कि नंदेली निवासी राधा चरण पटेल स्व.श्रीमति रामप्यारी पटेल के घर आंगन में एक पुत्री,तीन पुत्रों में सबसे छोटे पुत्र निरीक्षक पटेल अपनी प्रारम्भिक शिक्षा दीक्षा गृह ग्राम, रायगढ़ कोटमी बिलासपुर भिलाई से करते हुए छत्तीसगढ़ शासन में विभिन्न जिलों में अपनी सेवाएं दे चुकें है और मौजूदा वक्त में जांजगीर चांपा में पदस्थ है। निरीक्षक पटेल ने वर्ष 2019 में दुर्ग की हेमचंद यूनिवर्सिटी से पीएचडी करने की शुरुआत की थी। उन्होंने इतिहास विषय में छत्तीसगढ़ में पुलिस व्यवस्था के दो दशक विशेष संदर्भ दुर्ग जिला में अपना शोध कार्य किया। इतिहास विषय से संबंधित प्रथम पीएचडी वाइवा में शोधार्थी नरेश पटेल ने पावर पॉइंट प्रस्तुतिकरण के माध्यम से अपना शोध कार्य प्रस्तुत किया। नरेश पटेल ने अपना शोध कार्य शोध निर्देशक सेवा निवृत्त प्राध्यापक डॉ किशोर कुमार अग्रवाल एवं सह शोध निर्देशक साइंस कॉलेज दुर्ग के सहायक प्राध्यापक डॉ अनिल कुमार पांडे के मार्गदर्शन में किया। शोधार्थी नरेश पटेल ने अपने वायवा के दौरान पुलिस द्वारा संचालित जनकल्याणकारी योजनाओं की भी जानकारी दी।

शोध में पांच अध्याय

यह भी पढ़ेछत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल भी पीएम मोदी के शपथ ग्रहण में नहीं जाएंगे

मिली जानकारी के अनुसार इस शोध सामग्री को व्यवस्थित रूप से प्रस्तुत करने के लिये समूची रूपरेखा पांच अध्यायों में विभक्त है। इन अध्यायों को अनेक उप-अध्यायों में विभाजित कर शोध को अधिक-से-अधिक सुपाठ्य एवं संगठित करने का प्रयास किया गया है। रूपरेखा में मूलतः पुलिस व्यवस्था की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि, छत्तीसगढ़ राज्य में पुलिस की संरचना एवं संगठन, जिला पुलिस व्यवस्था दुर्ग जिले के संदर्भ में, दुर्ग जिला में थाना प्रशासन एवं कार्य प्रणाली, जिला पुलिस के सामाजिक उत्तरदायित्व जैसे प्रमुख अध्यायों को स्थान दिया गया है।

अन्य शोध संबंधी प्रविधियों को भी स्थान

प्रस्तावना, निष्कर्ष एवं परिशिष्ट को अध्यायों की सूची में सम्मिलित नहीं किया गया है। जबकि आरेख, मानचित्र, तालिका, चित्रावली, संक्षेप सूची, शब्द संकलन, संदर्भ ग्रंथ सूची, प्रश्नावली अनुसूची तथा समाचार पत्र कतरनों को पृथक् स्थान दिया गया है। प्रस्तावना में शोध प्रारूप के अंतर्गत पूर्ववर्ती साहित्य की समीक्षा एवं अन्य शोध संबंधी प्रविधियों को पृथक् से शोध प्रबंध के प्रारंभ में ही स्थान दिया गया है।

नाते रिश्तेदारों ने डिग्री हासिल करने पर बधाई दिए और उज्जवल भविष्य की कामना किए

Show More

Gopal Krishna Naik

Editor in Chief Naik News Agency Group

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!