देश /विदेश

43 ऐप्स बैन के साथ भारत की चीन पर एक और Digital strike, अली बाबा ग्रुप के ऐप्स भी आए पाबंदी की जद में

इस साल मई में शुरू हुए भारत चीन सीमा विवाद के बीच भारत ने तीसरी बार चीन पर डिजिटल स्ट्राइक की है. इस बार केंद्र सरकार ने 43 मोबाइल एप्लिकेशंस पर पूरी तरह से बैन लगा दिया है. इस विवाद के बाद से अब तक चीन के करीब 220 चीनी मोबाइल एप्स को भारत में बैन कर दिए गए हैं. इनमें टिकटॉक, पबजी और यूसी ब्राउजर जैसे पॉपुलर ऐप भी शामिल हैं. हालांकि पिछले दिनों पीएम मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की ब्रिक्स सम्मेलन में आमना-सामना हुआ हो लेकिन इस स्ट्राइक के बाद माना जा रहा है कि दोनों देशों के बीच सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है.

अलीबाबा ग्रुप भी आया बैन की जद में
सूचना प्रौद्योगिकी कानून की धारा 69-ए के तहत की गई कार्रवाई में जिन एप्लिकेशंस का भारत में इस्तेमाल बैन किया गया है उनमें से चीनी कंपनी अलीबाबा डॉट कॉम से भी जुड़े हैं. इस बार बैन की जद में अलीबाबा ग्रुप के कई ऐप्स भी शामिल हैं. बैन किए गए मोबाइल एप्स की लिस्ट में अली सप्लायर, अलीबाबा वर्कबेंच,आली एक्सप्रेस स्मार्ट शॉपिंग, अली पे कैशियर, लाला मूव इंडिया, स्नेक वीडियो, केमकार्ड, चाइनीज़ सजोशल, वी-डेट, वी-वर्क चाइना, मैंगो-टीवी आदि शामिल हैं. इलेक्ट्रॉनिक्स व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय की तरफ से जारी बयान के मुताबिक 43 मोबाइल एप्स पर बैन का यह कदम भारतीय नागरिकों से जुड़ी जानकारियों की सुरक्षा और भारत के हितों की हिफाजत के लिए उठाया गया है.

सीमा पर नहीं बन पा रही सहमति
सीमा विवाद के बाद तीसरी बार इस तरह से कार्रवाई से माना जा रहा है कि सीमा विवाद अभी तक नहीं थमा है और दोनों देशों के बीच सीमा गतिरोध पर सहमति नहीं बन पा रही है. इस मसले पर कुछ खास हल निकलता नहीं दिखाई दे रहा है. हालांकि नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर अजीत डोभाल समेत विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री चीन से बातचीत कर चुके हैं. वहीं इस बातचीत के बाद भी भारत की तरफ से चीन के मोबाइल ऐप्स को लगातार बैन किया जा रहा है.

ये ऐप्स भी हो चुके हैं बैन
इससे पहले सरकार ने जून 2020 में टिकटॉक समेत 59 मोबाइल एप्लिकेशन पर प्रतिबंध लगाया था. इसके अलावा 2 सितंबर को 110 अन्य एप्लिकेशंस पर रोक लगाई थी जिनमें से अधिकतर चीन संचालित एप्लिकेशन हैं. इनमें से कई एप्स पर भारतीय नागरिकों का अत्यधिक डेटा जमा करने और खास तौर पर सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों के बारे में प्रोफाइलिंग कर जानकारियां बटोरने के आरोप लगे थे.

Show More

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!