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रिजर्व बैंक ने निसान रेनो फाइनेंशियल सर्विसेज पर लगाया 5 लाख रुपये का जुर्माना

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने चेन्नई स्थित निसान रेनो फाइनेंशियल सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड पर 5 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है. केंद्रीय बैंक के निर्देशों का अनुपालन नहीं करने को लेकर यह जुर्माना लगाया गया है.

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क्या है जुर्माने की वजह

भारतीय रिजर्व बैंक ने बुधवार को एक बयान में कहा कि गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) से जुड़े निर्देशों का अनुपालन नहीं करने को लेकर निसान रेनो फाइनेंशियल सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड पर जुर्माना लगाया गया है. एनबीएफसी के लिए फेयर प्रैक्टिसेज कोड से संबद्ध ‘सिस्टेमिकली इम्पोर्टेन्ट नॉन-डिपॉजिट टेकिंग कंपनी ऐंड डिपॉजिट टेकिंग कंपनी’ (आरबीआई) निर्देश, 2016 के उल्लंघन को लेकर जुर्माना लगाया गया है.

पहले मिला था कारण बताओ नोटिस

रिजर्व बैंक ने कहा कि कंपनी को नोटिस जारी कर कारण बताओ नोटिस दिया गया था. कंपनी के जवाब और उपलब्ध कराये गये दस्तावेजों पर गौर करने के बाद जुर्माना लगाने का निर्णय किया गया.

रिजर्व बैंक ने 31 मार्च, 2019 तक की कंपनी की वित्तीय स्थिति की जांच की, जिससे यह खुलासा हुआ कि कंपनी ने उसके निर्देशों का पालन नहीं किया है. हालांकि रिजर्व बैंक ने इसकी विस्तार से जानकारी नहीं दी है कि रेनो फाइनेंशियल सर्विसेज ने किस तरह के निर्देशों का पालन नहीं किया है. कंपनी द्वारा कारण बताओ नोटिस के दिये गये जवाब और दस्तावेज से रिजर्व बैंक संतुष्ट नहीं था, इसलिए उस पर मौद्रिक जुर्माना लगाया गया.

निसान रेनो फाइनेंशियल सर्विसेज असल में भारत में निसान रेनो कार कंपनी का एक वित्तीय सेवा कंपनी है जो कार लोन, बीमा आदि प्रदान करती है. इसमें 30 फीसदी हिस्सेदारी फ्रांस की कंपनी रेनो की और 70 फीसदी हिस्सेदारी ​जापानी कंपनी निसान के भारतीय वेंचर की है

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