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सफलता की कहानी, कोसा पालन ने गणेशराम के लिए खोला तरक्की का रास्ता

रायगढ़ । कोसा क्रिमीपालन ने लोगों के लिए रोजगार के बढिय़ा अवसर उपलब्ध करवा रहा है। रेशम कीट पालन के लिए विभागीय योजनाओं का लाभ लेकर लोग इसे अपने लिए अतिरिक्त आय का जरिया बना रहे हैं। विकासखण्ड बरमकेला के ग्राम-तोरना निवासी गणेश राम जो कि कृषि, मजदूरी कार्य करके जीवन-यापन कर रहे थे, जिससे की बमुश्किल उनका गुजारा हो पा रहा था। इसी बीच उन्होंने ग्राम-तोरना में स्थित कोसा बीज केन्द्र में कृषकों को कोसा पालकर अच्छी कमाई करते देखा एवं उनसे प्रेरित होकर रेशम विभाग के स्थानीय अधिकारियों से मिलकर कोसा कृमिपालन के संबंध में जानकारी ली।

गणेश राम ने कोसा पालन का कार्य प्रारम्भ किया। इस कार्य से जहां मात्र 4-5 महीनों के परिश्रम से वर्ष 2018-19 में मात्र 140 दिन की अवधि में 93300 नग कोसाफल उत्पादन कर 01 लाख 31 हजार 613 रुपये तथा वर्ष 2019-20 में मात्र 165 दिन की अवधि में 01 लाख 11 हजार 100 नग कोसाफल उत्पादन कर 01 लाख 64 हजार 560 रुपये आय अर्जित किया। कृमिपालन के उपरांत शेष बचे दिनों में वे अपना नियमित कृषि कार्य भी करते हैं। गणेश राम 1989 से कोसा पालन कार्य से जुड़े हैं।

गणेश राम बताते है कि कोसा कृमिपालन से अर्जित आय से मैं अपने घरेलू आवश्यकताओं की पूर्ति करते हुये नियमित बचत कर परिवार के लिए जरुरी सुविधाएं जुटा पाया। उन्होंने बताया कि अपने लिए उन्होंने पक्का मकान बनवाने के साथ ही गाड़ी और जमीन भी खरीद पाया हूँ। वह कहते हैं कि जीवन में जो तरक्की की है और मेरा परिवार आज एक खुशहाल जीवन बिता पा रहा है उसमें रेशम विभाग की कोसा कृमिपालन की इस योजना की बड़ी भूमिका है।

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