राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस पर हुआ आयोजन
रायगढ़ । जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण रायगढ़ रमाशंकर प्रसाद के दिशा-निर्देशन में राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस 09 नवम्बर के अवसर पर, जिला रायगढ़ सहित तहसील सारंगढ़, घरघोड़ा, एवं खरसिया में वर्चुअल माध्यम से विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया।
वर्चुअल शिविर में सर्वप्रथम मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट एवं प्रभारी सचिव दिग्विजय सिंह के द्वारा विधिक सेवा दिवस के बारे में यह बताया कि इसका उद्देश्य लोगों को कानूनी जानकारियॉ प्रदान करना है। आमजन तक कानून की जरूरतों को एवं उनकी समस्याओं को किस प्रकार से निराकृत किया जा सके तथा हमारे साथ जो संस्थाएॅ जुड़ी हुई हैं, वे किस प्रकार से उनके लिये सहायक सिद्ध होंगी, इस पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण तकनीकी रूप से काम करती है। पहले भी प्राधिकरण के द्वारा 6-7 वर्चुअल क्लास लिया गया है, जिसमें करीब 4 से 5 हजार तक बच्चे जुड़े हैं। वर्तमान कोविड को दृष्टिगत रखते हुए यह पहल की गई थी।
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश चन्द्र कुमार कश्यप के द्वारा बच्चों को यह बताया गया कि आज विधिक सेवा दिवस है। उनके द्वारा राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण क्या है और यह कैसे काम करता है, इस पर विस्तार से बच्चों को जानकारी दी गई। साथ ही संविधान के अनुच्छेद 39-ए के अन्तर्गत न्याय से कोई भी व्यक्ति वंचित नहीं होगा, चाहे वह असहाय, कमजोर या गरीब ही क्यों न हो। गरीब व्यक्ति, जो न्यायालय जाने की स्थिति में नहीं रहता, उसके लिये राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशन में अधीनस्थ समस्त प्राधिकरण काम करती है। वर्ष 1995 में सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 09 नवम्बर को राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस के रूप में मनाया गया।
न्यायाधीश कश्यप के द्वारा विस्तार से कौन-कौन व्यक्ति विधिक सेवा एवं सलाह पाने के हकदार हैं तथा यह किन-किन रूपों में प्राप्त की जा सकती है, इसके लिये आवेदन कैसे करें, इस पर जानकारी दी गई तथा यह भी बताया कि विधिक सेवा प्राधिकरण नि:शुल्क अधिवक्ता उपलब्ध कराता है तथा राजीनामा योग्य मामलों के निराकरण हेतु लोक अदालतें भी आयोजित किया जाता है। आपदा के समय भी यह प्राधिकरण काम करता है।
जैसा कि हाल ही में कोविड-19 के इस दौर में अप्रवासी श्रमिकों को जूता-चप्पल, छाता, कपड़े एवं खाद्यान्न का वितरण प्राधिकरण के द्वारा किया गया। इसी प्रकार किसी प्राकृतिक आपदा जैसे-बाढ़, सूखा आदि के संकट के समय प्राधिकरण राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा संचालित स्कीम के अन्तर्गत पीडि़त व्यक्तियों को राहत पहुॅचाने का कार्य करती है। अन्त में कश्यप के द्वारा विधि के समक्ष समानता के अधिकार के पहलू पर चर्चा करते हुए, भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 एवं 21 के बारे में बच्चों को जानकारी दी तथा यह बताया कि अनुच्छेद 21-ए के दायित्व को प्राधिकरण पूरा करता है और उसका उद्देश्य न्याय को अन्तिम कोने-कोने तक के लोगों में सरलता से पहुॅचाना है।
जिला न्यायाधीश रमाशंकर प्रसाद के द्वारा बच्चों से यह कहा गया कि आज विधिक सेवा दिवस का यह बहुत अच्छा अवसर है, आज हम आपस में कुछ कानूनी मुद्दों पर बात करते हैं। जिम्मेदारी हमेशा अपने साथ कुछ दायित्व लेकर चलती है। यह दायित्व प्रत्येक नागरिक का है कि वह अपने आस-पास होने वाली उस हर घटना, जिसका कि वह साक्षी होता है, उसे न्यायालय तक या उस व्यक्ति के अधिकारों तक पहुॅचाने में सहायता प्रदान करें। आज गरीबी, किसी भी व्यक्ति के लिये न्याय से वंचित होने का कारण नहीं हेै।
जैसा कि आप सभी जानते हैं और देखते भी आये हैं विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में गरीब बच्चों को छात्रवृत्ति मिलता है, किताबें, जूते, कपड़े, लेपटॉप, साइकिल आदि वितरित की जाती है, जो इसी का एक रूप है। यह सभी चीजें आपको कानून से जोडऩे का माध्यम है। आप जितना अधिक कानून को जानेंगे, उतना ही अधिक अच्छे नागरिक बनेंगे। यदि कोई व्यक्ति कानून का उल्लंघन करता है, तो तुरन्त इसकी सूचना देनी चाहिए। आपको यदि यह पता चलता है कि आपके आसपास कोई ऐसी महिला है, जिसके परिवार वाले या समाज वाले उसे वह अधिकार नहीं दे रहे हैं, जिसकी वह अधिकारी है या कोई विधवा है, जिसे उसके सास-ससुर द्वारा पति के घर में रहने का अधिकार, संपत्ति में अधिकार यह सभी नहीं दिया जा रहा है, तो आप कानून की जानकारी रखेंगे तो उन्हें कानूनी सहायता पहुॅचाकर उनकी मदद कर सकते हैं तथा उन्हें जिला विधिक सेवा प्राधिकरण में नि:शुल्क विधिक सहायता एवं सलाह प्राप्त करने हेतु जाने के लिये भी बोल सकते हैं।
वर्चुअल शिविर के माध्यम से बच्चों द्वारा पूछे गये विभिन्न प्रश्नों का न्यायाधीश रमाशंकर प्रसाद द्वारा समाधान किया गया। इसी प्रकार तहसील सारंगढ़, घरघोड़ा एवं खरसिया के न्यायाधीशगण राकेश सोरी, श्रीमती शिवानी सिंह एवं श्रीमती तनुश्री गबेल द्वारा भी विधिक सेवा दिवस के अवसर पर अपने -अपने तहसील में वर्चुअल विधिक साक्षरता शिविर लगाकर बच्चों को विधिक अधिकारों एवं अन्य कानूनी जानकारियॉ प्रदान की गईं। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश देवेन्द्र कुमार आहूजा के द्वारा जिला जेल रायगढ़ एवं उपजेल सारंगढ़ में भी निरुद्ध अभिरक्षाधीन बंदियों की वर्चुअल विधिक सेवा शिविर के साथ उनके लम्बित एवं अपील प्रकरणों की जानकारी ली गई। न्यायाधीश चन्द्र कुमार कश्यप द्वारा बालगृह नीलांचल एवं चक्रधर बाल सदन में चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन कराया जाकर बच्चों को विधिक जानकारियॉ प्रदान की गई। उक्त शिविर आयोजन में जिला एवं तहसील के पैरालीगल वालिंटियर्स द्वारा भरपूर सहयोग किया गया। पैरालीगल वालिंटियर्स के द्वारा ग्राम पंचायतों में जगह-जगह चौक चौराहे, पंचायत एवं सामुदायिक भवन में कैम्प लगाकर विधिक सेवा दिवस के अवसर पर लोगों को कानूनी जानकारी प्रदान की गई।