देश /विदेश

चर्च के अंदर समाया है पूरा ‘अंतरिक्ष’, आप भी देखें यहां का नजारा…

यूक्रेन  की राजधानी कीव (Kyiv) से करीब 80 किमी बाहर पेरेस्लाव-खमेलन्यतस्की के छोटे से शहर में एक बड़ा संग्रहालय परिसर  है. दरअसल यह संग्रहालयों का संग्रहालय है. जो यूक्रेनी लोगों के इतिहास (History), संस्कृति और वास्तुकला को संरक्षित करने के लिए समर्पित है. यहां राष्ट्रीय इतिहास (National History) और नृविज्ञान से जुड़े अलग-अलग विषयों के लगभग 30 संग्रहालय हैं. जिनमें इतिहास, पुरातत्व, साक्षरता, नृविज्ञान, टेक्नोलॉजी आदि विषय प्रमुख हैं. इनमें से, अंतरिक्ष के खोजी अभियानों  को समर्पित संग्रहालय सबसे अधिक मजेदार है, क्योंकि यह एक 130 साल पुराने लकड़ी के चर्च (Church) के अंदर बना हुआ है. सेंट पारास्केवा का चर्च 1891 में बनाया गया था और यह कीव के वीयूनिश गांव में स्थित था. 1960 के दशक में, जब एक नए जलाशय  के निर्माण से वीयूनिश और उसके चर्च को डूबने का खतरा हो गया तो चर्च को बचाने के लिए ग्रामीणों (Villagers) ने इमारत को ध्वस्त कर दिया और इसे पेरेस्लाव-खमेलन्यतस्की में स्थानांतरित कर दिया जहां अब इसके अंदर ही अंतरिक्ष संग्रहालय है.

यहां रखी हैं अंतरिक्षयात्रियों से जुड़ी कई चीजें
सोवियत युग का सैकड़ों सालों का अंतरिक्ष का इतिहास इस छोटी सी इमारत के अंदर भरा हुआ है. यहां यूरी गगारिन का एक लाल ट्रेनिंग पैराशूट है. वहीं 1976 में उपयोग किया गया एक स्पेसवॉक सूट भी है, जो कॉस्मोनॉट व्याचेस्लाव ज़ुदोव ने पहना था. इसके अलावा यहां एक रॉकेट मॉडल, कृत्रिम उपग्रह का एक मॉडल, एक मोबाइल चंद्र प्रयोगशाला का मॉडल, अंतरिक्ष में खाया जाने वाला डिब्बाबंद खाना और अन्य बहुत सारे सामान यहां रखे हुए हैं.इस संग्रहालय की स्थापना 1970 के दशक में तब की गई थी जब अंतरिक्ष यात्राएं बेहद लोकप्रिय हुआ करती थीं.

चर्च में ऐसी गतिविधियां उस दौर में थीं आम
संग्रहालय के 37 वर्षीय क्यूरेटर सेर्गी वोल्कोदव ने कहा, “यह बहुत ज्यादा केंद्रीय प्रोपेगेंडा का समय था और इसीलिए लोगों ने इस पर सवाल नहीं उठाया.”

वोक्कोडव ने कहा, “जब अंतरिक्ष संग्रहालय बनाया गया था, तो यह सवाल ही नहीं उठता था कि क्या इसे चर्च में रखा जा सकता था या नहीं.” सोवियत के दौर में पूरे देश के चर्चों में नास्तिकता और विज्ञान के संग्रहालयों का निर्माण किया गया था.

Show More

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!