कुपोषित बच्चों को पौष्टिक गरम भोजन टिफिन में प्रदाय करने के निर्देश
कलेक्टर ने की महिला एवं बाल विकास विभाग के कार्यों की समीक्षा
रायगढ़ । कलेक्टर भीम सिंह ने आज कलेक्टोरेट परिसर के सृजन सभाकक्ष में जिले भर से आये महिला एवं बाल विकास विभाग के अधिकारियों की बैठक लेकर विभागीय कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने राज्य शासन की महत्वपूर्ण योजना मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान की विकास खण्डवार समीक्षा करते हुये कहा कि राज्य शासन के निर्देशानुसार पूरे रायगढ़ जिले को आगामी 6 माह में कुपोषण मुक्त करें। गर्भवती महिलाओं और कुपोषण से ग्रसित बच्चों को पोषणयुक्त आहार और चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने में लापरवाही ठीक नहीं है। शासन की ओर से राशि की कमी नहीं है आवश्यकता रूचि लेकर कार्य करने की है। उन्होंने कहा कि सुपोषण अभियान के महत्व को समझें कुपोषित बच्चे के दिमाग का समुचित विकास नहीं हो पाता है इसलिये महिला बाल विकास और स्वास्थ्य विभाग का दायित्व है कि ऐसे बच्चों और गर्भवती महिलाओं की देखरेख अच्छी तरह से हो और उन्हें शीघ्र इलाज मिले।
कलेक्टर सिंह ने अतिगंभीर रूप से कुपोषित बच्चों को एनआरसी केन्द्रों में इलाज की भी समीक्षा की। रायगढ़ एनआरसी केन्द्र प्रभारी और शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ.लक्ष्मीणेश्वर सोनी और बच्चों की फीडिग डिमास्ट्रेटर महिला चिकित्सक को बैठक में बुलाकर निर्देशित किया कि डब्ल्यूएचओ के साथ-साथ राज्य शासन के निर्देशों का पालन करें और एनआरसी सेंटर में रेफर किये जाने वाले बच्चों को अस्पताल में भर्ती करें। बेड खाली न रखें, बच्चों में कुपोषण के कारण ही स्वास्थ्य विभाग का चिकित्सक जांच कर रेफर करता है इसलिये इस संवेदनशीलता को ध्यान में रखकर बच्चों को कुपोषण से मुक्ति दिलावे।
पूरे प्रदेश में चलाये जा रहे सुपोषण अभियान की समीक्षा माननीय मुख्यमंत्री द्वारा स्वयं की जाती है। उन्होंने कहा कि महिला एवं बाल विकास में अधिकांशत: महिला अधिकारी ही कार्यरत है महिलाओं की ज्यादा जिम्मेदारी होती है बच्चों के देखभाल की और बच्चे की आवश्यकता और दर्द एक महिला भलीभांति समझ सकती है अत: कुपोषित बच्चे की देखभाल अपने परिवार का बच्चा समझकर किया जाना चाहिये। आप लोग बच्चे को कुपोषण से बाहर निकालकर उसे एक नई जिंदगी दे सकते है। कुपोषण मुक्ति के लिये राज्य शासन की ओर से पौष्टिक भोजन प्रदान किये जाने का प्रावधान किया गया है जिसके तहत अंडा, दूध, फल इत्यादि प्रदान किया जाता है।
इन कार्यों में स्थानीय जनप्रतिनिधि भी सहयोग करते है। कलेक्टर श्री सिंह ने कुपोषित बच्चों को पौष्टिक और गरम भोजन आंगनबाड़ी केन्द्रों में तैयार कर बच्चे के घर पहुंचाने के निर्देश दिये। इसके लिये प्रत्येक ग्राम पंचायत में 10-10 टिफिन (तीन लेयर वाले)पंचायत विभाग के माध्यम से क्रय किये जायेंगे। इससे कुपोषण से मुक्ति अभियान में सफलता मिलेगी, उन्होंने आंगनबाड़ी केन्द्रों में पौष्टिक और गरम भोजन तैयार करने के लिये इन कार्योे के प्रति संवेदनशील और रूचि रखने वाली महिला स्व-सहायता समूह के माध्यम से कार्य कराने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि बच्चों और महिलाओं को कुपोषण से मुक्ति दिलाने का कार्य भावनात्मक रूप से पवित्र कार्य है।
कलेक्टर सिंह ने जिन ग्राम पंचायत में तीन महीने से कोरोना संक्रमण के मामले नहीं है वहां ग्रामवासियों को समझाईश देकर आंगनबाड़ी केन्द्र खोलने के निर्देश दिये। उन्होंने महिला एवं बाल विकास के डीपीओ जाटवर को निर्देशों के बाद भी सारंगढ़ क्षेत्र के खैरा में पदस्थ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के विरूद्ध अब तक कार्यवाही नहीं करने के लिये अप्रसन्नता व्यक्त करते हुये उसके विरूद्ध तत्काल कार्यवाही करने को निर्देशित किया।
कलेक्टर सिंह ने बाल संदर्भ योजना के तहत बीमार और कमजोर बच्चों को बाल संदर्भ शिविर में जाचं कराये जाने के निर्देश दिये। आवश्यकता होने पर इस संबंध में सीएमएचओ को सूचित करने को कहा। बैठक में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.एस.एन.केशरी ने महिला बाल विकास अधिकारियों को कोरोना संक्रमण रोकने और इससे बचाव के लिये जारी निर्देशों को पालन कराने में सहयोग कर ग्रामीणों को जागरूक करने को कहा और लक्षण वाले मरीजों की तत्काल जांच कराने तथा प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को संबंधित व्यक्ति के बारे में सूचित करने को कहा। बैठक में जिले के सभी क्षेत्रों के महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।