कोरबाछत्तीसगढ़

शिकार के लिए रखे गए बम के विस्फोट से मासूम बालक की मौत

कोरबा। छत्तीसगढ़ के जंगलों में जानवरों का शिकार जिस तरीके से किया जाता है, उससे कभी-कभी ग्रामीणों की भी मौत हो जाती है। कहीं जमीन पर बिछाए गए बिजली के तार से तो कहीं छिपाकर रखे गए बम से। ऐसा ही एक वाकया कोरबा जिले के एक गांव के पास हुआ जहां राष्ट्रपति के गोदग्रहित कोरवा आदिवासी के बच्चे की मौत हो गई।

जंगल से लौट रहे थे महुआ बीन कर

यह हादसा बालको थाना क्षेत्र ग्राम अजगरबहार के पास का है, जहां महुआ बीन कर लौट रहे पहाड़ी कोरवा आदिवासी बालक की बम विस्फोट से मौत हो गई। घटना स्थल पर मौजूद मृतक के बड़े भाई ने परिजनों को इसकी सूचना दी। परिजनों के मुताबिक पहाड़ी कोरवा बालक बिहानू (7) और बड़ा भाई राम प्रसाद (9) जंगल में महुआ बीनने अजगर बाहर टोकाभाटा के जंगल में गए हुए थे।

खाने की चीज समझ कर दांत से चबाया

हुआ यूं कि बड़े भाई रामप्रसाद के साथ लौट रहे बिहानु को एक खेत में पॉलीथिन में बंधी कोई वस्तु नजर आयी बिहानु ने उसे खोला और अंदर मौजूद पदार्थ को उसने खाने की चीज समझकर चबा लिया। तभी जोर का धमाका हुआ और मौके पर ही बच्चे की मौत हो गई। विस्फोट की आवाज सुनकर ग्रामीण दौड़े चले आये, यहां बालक बिहानु की लाश पड़ी हुई थी। घटना की सूचना मिलने पर पुलिस ने मामला दर्ज किया और मृतक के शव को PM के लिए भिजवा दिया। पुलिस ने विस्फोटक के अवशेष भी बरामद कर लिए हैं।

शिकार के लिए बनाते हैं बम

ग्रामीण इलाकों में अक्सर जंगली जानवरों का शिकार करने के लिए बम बनाया जाता है, इस बम का इस्तेमाल सूअर को मारने के लिए होता है। यही वजह है कि इसे सूअर बम कहा जाता है। जंगल में चरने के दौरान पालतू मवेशी भी इस तरह बम की चपेट में आ जाते हैं। दरअसल बम के ऊपर जानवर की चर्बी या खाने का पदार्थ चिपका दिया जाता है, जिसकी महक से जानवर आकर्षित होकर उसे चबाने का प्रयास करते हैं, जिससे विस्फोट होने पर उनकी मौत हो जाती है। बताया जा रहा है कि बम जिस जगह पर रखा गया था वहां से जंगली जानवरों की आवाजाही होती है। इसी तरह की एक घटना में कटघोरा वन मंडल के पसान क्षेत्र में भी पखवाड़े भर पहले एक महिला विस्फोट से घायल हो गई थी।

वन अमले की लापरवाही या फिर शिकारियों पर अंकुश नहीं लगाने का ही नतीजा है कि आज भी छत्तीसगढ़ के जंगलों में जानवरों का शिकार हो रहा है, जिसका खुलासा इस तरह की होने वाली घटनाओं के होता है। अब देखना है कि मासूम बच्चे की मौत के जिम्मेदार पकड़ में आते हैं या नहीं।

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Gopal Krishna Naik

Editor in Chief Naik News Agency Group

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