जिला प्रशासन के सहयोग से पुलिस शहर में 35 सीसीटीवी कैमरे लगवाएगी। इससे अपराध नियंत्रण में सहायता मिलेगी। सेक्योर सिटी स्कीम के तहत जिले को पहले दो बार 50-50 लाख रुपए मिले थे। इससे घरघोड़ा में 40 और खरसिया में 64 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे। वहीं जिला मुख्यालय में छिनतई, उठाईगीरी, मारपीट, रोड रेज, स्पीड बाइकिंग जैसे स्थिति में पुलिस निजी कैमरों के भरोसे होती है।
पुलिस के पास शहर में लगे कैमरों की संख्या है, लेकिन कितने खराब हैं या ठीक स्थिति में हैं, इसका पता नहीं है। अब शहर में तमाम बड़े और प्रमुख चौराहों, क्रॉस रोड पर नए कैमरे लगेंगे। शहर के भीतर शहर में सालों से बेसिक सर्विलांस उपकरण सीसीटीवी कैमरे ही नहीं लगे हैं। साल 2022 में पिछले दो सालों के मुकाबले अपराध 20 फीसदी से अधिक बढ़ा। पुलिस ने ज्यादा मामले सुलझा भी लिए, लेकिन शहर के भीतर कई बड़ी चोरी और उठाईगीरी के कई मामलों का सुराग अब तक नहीं मिल सका है।
चार थाना क्षेत्र में 306 कैमरे, सारे निजी
प्रमुख सड़क, चौराहे या सार्वजनिक जगहों पर व्यापारिक संस्थान या संस्था द्वारा शहर में 306 सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। इसमें सबसे ज्यादा कोतवाली में 144 कैमरे हैं। चक्रधरनगर में 82, जूटमिल में 64, कोतरा रोड में 16 कैमरे लगे हैं। इनमें सारे कैमरे निजी हैं। प्रशासन द्वारा पहले लगाए गए 8 कैमरे खराब हैं। इन कैमरों का संचालक कंट्रोल रूम से होता था, लेकिन तीन साल से कैमरे खराब हैं। बजट नहीं होने के कारण इन्हें बनवाया नहीं जा सका है।
क्राइम के लिहाज से शहर संवेदनशील
औद्योगिक जिला होने के कारण यहां आने-जाने वालों की बड़ी तादाद होती है, इसलिए अपराध के लिहाज से शहर ज्यादा संवेदनशील है। बड़े अपराध होने पर पुलिस हर बार उद्योगों से सीएसआर के तहत सीसीटीवी कैमरे लगवाने की बात कहती है, लेकिन शहर में लगे कैमरों में एक बड़े उद्योग को छोड़कर बाकी किसी संस्थान ने कैमरा नहीं लगवाया है।
इसलिए जरूरी हैं कैमरे…
जिले में 2022 में अपराध का ग्राफ ऊपर रहा। शहर में नकबजनी यानि चोरी या ऐसे अपराधों के 192 मामले दर्ज किए गए। वहीं लूट के 33 प्रकरण पंजीबद्ध किए गए। हत्या के 38, हत्या के प्रयास के 74, बलवा (सामूहिक लड़ाई, गैंगवार) के 74 मामले दर्ज किए गए। इसके साथ ही शहर की भीड़भाड़ वाली सड़कों पर स्पीड बाइकिंग, रोड रेज के मामले अक्सर सामने आते हैं। शहर में हथियारों के अवैध इस्तेमाल व तस्करी के भी मामले सामने आते रहे हैं। शहर में यातायात बड़ी समस्या है। शहर में तीन प्रमुख सड़कों पर सिग्नल लगे हैं, लेकिन मॉनिटरिंग नहीं होने से इनका पालन नहीं होता। सीसीटीवी के जरिए मॉनिटरिंग होने से चालान के जरिए यातायात नियमों के प्रति सजग किया जा सकता है।