पावरग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के तत्वावधान में हिन्दी कार्यशाला का आयोजन
सौरभ सराफ हुए विषय विशेषज्ञ के रूप में शामिल.. हिन्दी पखवाड़ा के अंतर्गत कार्यशाला का आयोजन
कार्यालयीन हिंदी एवं हिंदी भाषा के सिद्धांत – व्यवहार पर हुई विस्तृत चर्चा
रायगढ़ । पावरग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड के विभागीय अधिकारियों, कर्मचारियों के लिए एक दिवसीय हिन्दी कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में किरोड़ीमल शासकीय कला एवं विज्ञान महाविद्यालय रायगढ़ छत्तीसगढ़ के हिन्दी विभाग में कार्यरत अतिथि व्याख्याता श्री सौरभ सराफ विषय विशेषज्ञ के रूप में शामिल हुए। कार्यशाला में हिन्दी भाषा के सिद्धांत एवं व्यवहार, कार्यालयीन हिन्दी के स्वरूप तथा पत्र लेखन पर व्याख्यान हुआ।
कार्यशाला में सर्वप्रथम विषय विशेषज्ञ के रूप में पधारे सौरभ सराफ को मुख्य प्रबंधक श्री शिवराम मीणा जी ने पुष्पगुच्छ भेंट कर उनका विधिवत स्वागत किया। संस्थान में पदस्थ हिन्दी नोडल अधिकारी श्री विमल कुमार ने संचालन करते हुए विषय विशेषज्ञ का परिचय दिया एवं कार्यशाला की रूपरेखा पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पावरग्रिड संस्थान में कार्यरत विभागीय सदस्यों के लिए हर वर्ष की भाँति इस वर्ष भी हिन्दी पखवाड़ा के अंतर्गत इस कार्यशाला का आयोजन किया गया है। इसका उद्देश्य विभाग के सदस्यों को कार्यालयीन हिन्दी के विविध स्वरूपों से परिचित कराना है। उन्होंने शासकीय, अर्द्ध शासकीय एवं अशासकीय पत्रों से संबंधित शंकाओं के समाधान की बात कही। तत्पश्चात विषय विशेषज्ञ सौरभ सराफ को व्याख्यान हेतु आमन्त्रित किया। सौरभ ने अपने व्याख्यान में हिन्दी भाषा का परिचय देते हुए अक्षर, शब्द, रूप, वाक्य एवं अर्थ की संरचना पर प्रकाश डाला। उन्होंने भाषा को भावनाओं एवं विचारों के आदान प्रदान का माध्यम बताते हुए उसके सैद्धांतिक एवं व्यवहारिक रूपों की चर्चा की। परिभाषिक शब्दावली एवं हिन्दी में पदनाम से जुड़े विभिन्न पहलुओं को स्पष्ट किया। विभिन्न उदाहरणों के माध्यम से हिन्दी की शब्द शक्ति अभिधा, लक्षणा एवं व्यंजना पर भी विस्तार से बातें रखी। बोलचाल की भाषा, मानक भाषा, राजभाषा, राष्ट्रभाषा, संपर्क भाषा एवं संचार भाषा, मीडिया की भाषा, कार्यालयीन भाषा इत्यादि के रूप में हिंदी के महत्व को रेखांकित लिया। उन्होंने वर्तमान में प्रचलित हिन्दी के सैद्धांतिक एवं व्यावहारिक पक्षों पर अपना विस्तृत व्याख्यान दिया एवं कार्यालयीन पत्रों जैसे आदेश, परिपत्र, अधिसूचना, अनुस्मारक पर भी प्रकाश डाला। विभिन्न कार्यालयीन पत्रों को लिखने की शैली एवं उनमें किन शब्दों का प्रयोग किया जाना चाहिए इस विषय को उदाहरण देकर प्रस्तुत किया। आदेशों का अर्थ, स्वरूप, सरकारी आदेशों एवं अन्य आदेशों में अंतर, अधिसूचना का प्रारूप उसका आशय, परिपत्र का महत्व उसका प्रारूप, अनुस्मारक से जुड़े विभिन्न विषय एवं प्रतिलिपि के महत्व भी विस्तृत चर्चा की। सौरभ ने अपने व्याख्यान के अंत में संस्थान के विभिन्न अधिकारियों, सदस्यों को व्याख्यान हेतु बुलाये जाने पर उनका धन्यवाद ज्ञापित किया। तत्पश्चात संस्थान के सदस्यों ने विभिन्न प्रश्न पूछकर अपनी शंकाओं का समाधान किया। इस अवसर पर महाप्रबंधक मयंक सिंह ने विषय विशेषज्ञ के रूप में पधारे श्री सौरभ सराफ को स्मृति चिह्न देकर उनका सम्मान करते हुए आभार व्यक्त किया। इस महत्वपूर्ण आयोजन के लिए स्नातकोत्तर हिन्दी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. मीनकेतन प्रधान ने सौरभ को अपनी शुभकामनाएं संप्रेषित की। इस कार्यशाला में पॉवरग्रिड संस्थान के महाप्रबंधक, उप महाप्रबंधक, हिन्दी नोडल अधिकारी, संस्थान के विभिन्न सदस्य भूषण लाल निराला, तेजप्रकाश साहू, बीजा दास, आनंद केपी, सुव्रत सरकार, कुंदन बेदिया, बाबूलाल, अक्षय कुमार, जगदीश कहरे, सौरव सिसलिंकर, श्रीकांत शिरभाते, विवेक मातेरे, सीमांचल महाराणा, प्रियरंजन, सौम्यरंजन प्रधान एवं किरोड़ीमल शासकीय कला एवं विज्ञान महाविद्यालय रायगढ़ छत्तीसगढ़ के स्नातकोत्तर हिन्दी विभाग के विद्यार्थी परमानन्द सिदार, जयप्रकाश चौहान, नागेंद्र निषाद की सक्रिय सहभागिता रही।