सिर्फ चेहरा बदला पर चरित्र वहीं, छत्तीसगढ़िया विरोधी
डभरा।भाजपा में चल रहे प्रदेश अध्यक्ष बदलाव पर तंज कसते हुए प्रदेश कांग्रेस अनुसूचित जाति विभाग के सचिव राईस किंग खूंटे ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं से उनकी लोकप्रियता के आगे भाजपा के सारे नेता बौने साबित हो चुके हैं। भाजपा नेतृत्व को समझ ही नहीं आ रहा कि किसे आगे लाएं, इसीलिए भाजपा ने साढ़े तीन साल में चार अध्यक्ष बना डाले। धरमलाल कौशिक के अध्यक्ष रहते 2018 में भाजपा विधानसभा चुनाव हारी। फिर विक्रम उसेंडी 7 मार्च 2019 में अध्यक्ष बने तब चित्रकोट, दंतेवाड़ा, निकाय चुनाव हारने के बाद, 2 जून 2020 को नया अध्यक्ष विष्णुदेव साय को बनाया, तब भी मरवाही, खैरागढ़ उपचुनाव, पंचायत और नगरीय निकाय के दूसरे चरण में भी भाजपा बूरी तरह हारी। अब 9 अगस्त 2022 को नया अध्यक्ष अरुण साव को सामने लाए हैं। अब देखना लाजमी होगा कि साव 2023 विधानसभा चुनाव तक रह पाते हैं कि किसी और को बलि का बकरा बनाएंगे। प्रदेश सचिव ने आगे कहा कि भाजपा के पास कांग्रेस सरकार के खिलाफ कोई मुद्दा नहीं है, इसलिए वह नेतृत्व परिवर्तन कर खुद में जान फूंकने की नाकाम कोशिश में लगी है। भाजपा छत्तीसगढ़ में जनता के साथ-साथ अपने कार्यकर्ताओं का भी भरोसा खो चुकी है,भाजपा के निष्ठावान कार्यकर्ता 15 साल के भ्रष्टाचार,कुशासन के कारण जनता के पास जाने से हिचकते हैं। जो लोग 15 सालों तक भ्रष्टाचार करके भाजपा के पतन का कारण बने थे,वे अभी भी भाजपा पर कब्जा जमाए बैठे हैं। वे नेतृत्व संगठन का चेहरा बदलकर 15 साल के कुशासन से जनता का ध्यान भटकाना चाहते हैं,पर छत्तीसगढ़ की जनता जानती है कि भाजपा को उनका 15 साल तक शोषण किया है। इसलिए भाजपा अध्यक्ष का बदलाव फिजूल का कवायद साबित होगा। रमन सरकार के दौरान कमीशनखोरी व चाटुकार का काला खेल खेला गया।