छत्तीसगढ़रायगढ़

बाढ़ राहत कैम्पों में प्रशासन द्वारा उपलब्ध करायी गई आवश्यक सामग्री

सभी विभागों के अधिकारी-कर्मचारी मिलकर कर रहे है ग्रामीणों की मदद

रायगढ़। जिले में अतिवृष्टि और महानदी के जलस्तर में वृद्धि के कारण बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लोगों को सुरक्षित निकालकर बाढ़ राहत कैम्पों में उन्हें ठहरने की व्यवस्था की गयी है। कलेक्टर  भीम सिंह ने कल बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण कर राहत कैम्प में रहने वाले लोगों से मिलकर उनके लिये भोजन इत्यादि की सभी आवश्यक व्यवस्थायें उपलब्ध कराने के निर्देश दिये गये थे।

कलेक्टर  सिंह के द्वारा बाढ़ राहत कैम्पों के निगरानी और व्यवस्थाओं के लिये जिला स्तर के अधिकारियों को ड्यूटी लगाई गई है। जिन अधिकारियों की ड्यूटी लगाई गई वे निरंतर अपनी जिम्मेदारियों में लगे हुये है। बाढ़ में फं से लोगों को निकालने के लिये राजस्व विभाग की टीम लगातार जुटी रही। एसडीएम सारंगढ़  चंद्रकांत वर्मा व एसडीएम रायगढ़  युगल किशोर उर्वशा अपने क्षेत्र अंतर्गत बाढ़ की स्थिति पर नजर बनाये हुये थे। अधिक प्रभावित क्षेत्रों में मैदानी अमले को सक्रिय कर राहत व बचाव कार्य किया जा रहा था।

पुसौर तहसील अंतर्गत जलभराव बढऩे पर तहसीलदार सुश्री माया अंचल ने अपनी टीम के साथ रातभर लोगों को निकालकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में लगे रहे। उनकी टीम द्वारा लगभग एक हजार लोगों को निकालकर राहत शिविरों में पहुंचाया गया। इसी प्रकार सारंगढ़, बरमकेला क्षेत्र में भी राजस्व व अन्य विभागीय अमले द्वारा राहत बचाव कार्य किया गया।

बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के सभी राहत कैम्पों में खाना बनाने के लिये वन विभाग की ओर से लकड़ी की आपूर्ति कर दी गई है। ग्रामीण क्षेत्र के लोगों द्वारा इन राहत कैम्पों में अपने पालतु मुर्गी, बकरी, भेड़ सहित अन्य पशुओं को भी लाया गया है। इन पशुओं के लिये आवश्यक चारा व्यवस्था की कृषि एवं पशुपालन विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों द्वारा किया जा रहा है। राहत शिविरों में रूके लोगों की देखभाल के लिये संबंधित सरपंच व सचिव भी जुटे हुये है।

सभी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कैम्पों में स्वास्थ्य विभाग मेडिकल कैम्प लगाकर वहां रहने वाले ग्रामीणों की जांच की जा रही है। इन कैम्प में रहने वाले ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को मास्क भी प्रदान किया जा रहा है तथा सोशल डिस्टेसिंग का पालन करते हुये कैम्प में रहने के निर्देश दिये गये है। बाढ़ प्रभावित इलाकों में जल प्रदूषित होने के कारण लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग द्वारा क्लोरीनेशन का कार्य शुरू कर दिया गया है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पानी उतरने के बाद भी लोगों के घरों कीचड़ तथा गंदगी फैली रहती है इसलिये कोरोना महामारी के साथ-साथ अन्य बीमारियों के संक्रमण का खतरा उत्पन्न हो जाता है।

कलेक्टर  सिंह ने बताया कि जिले के सभी बाढ़ राहत कैम्पों में सामान्य व्यवस्था बनी हुई है। ड्यूटी में लगे अधिकारी-कर्मचारी पूरी मेहनत से व्यवस्था में लगे हुये है और वहां की स्थिति के बारे में प्रशासन के लगातार संपर्क में बने हुये है।

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