पिछले 14 सालों में बंटे पट्टों का तीन गुना 60 दिन में ही वितरण के लिए तैयार
रायगढ़। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल की मंशानुरूप वन में पीढिय़ों से निवासरत अनुसूचित जनजातियों और अन्य परंपरागत वन निवासियों को काबिज वन भूमि पर खाद्य सुरक्षा, आजीविका, निवास व सामुदायिक उपयोग हेतु 9 अगस्त ‘विश्व आदिवासी दिवस ‘ के उपलक्ष्य पर वन अधिकार पत्रों का वितरण किया जायेगा। रायगढ़ जिले में कलेक्टर श्री भीम सिंह के मार्गदर्शन में पिछले दो माह में ही 4 हजार 578 वन अधिकार पत्र वितरण के लिये तैयार कर लिये गये है। यह संख्या पिछले 14 वर्षों में योजना के क्रियान्वयन की शुरूआत से दो माह पूर्व तक वितरित पट्टों का लगभग तीन गुना है।
इस संदर्भ में कलेक्टर श्री भीम सिंह ने राजस्व, वन तथा आदिवासी विकास विभाग की निरंतर कई समीक्षा बैठके ली। जिसमें विभागीय प्रशिक्षण के साथ विकासखण्डवार लंबित प्रकरणों के निराकरण पर विस्तार से कार्य किया गया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये थे कि जिले में पात्र हितग्राहियों के अधिक से अधिक संख्या में व्यक्तिगत तथा सामुदायिक वन अधिकार पत्र तैयार किये जाये। जिससे उक्त भूमियों का शासकीय दस्तावेजों में पंजीकरण हो सके और हितग्राहियों को इसके माध्यम से विभिन्न शासकीय योजनाओं से लाभान्वित किया जा सके।
कलेक्टर श्री सिंह के इन निर्देशों का परिणाम यह होगा कि दो माह के अल्प समय में ही 4 हजार 578 वन अधिकार पत्र वितरण के लिये तैयार कर लिये गये। जिसका अनुमोदन 6 अगस्त को आयोजित बैठक में किया गया। जिसमें सामुदायिक वन अधिकार पत्र के 3 (1) के 3 हजार 576 तथा 3 (2) के 901 तथा व्यक्तिगत के 101 वन अधिकार पत्र वितरित किये जायेंगे। इसके पूर्व योजना की शुरूआत से लेकर मई 2020 तक कुल 1630 वन अधिकार पत्र ही वितरित किये गये थे।
उल्लेखनीय है कि व्यक्तिगत वन अधिकार के तहत वन निवासियों को निवास अथवा जीविका के लिये अधिकार पत्र दिये जाते है। ग्राम स्तर पर सामुदायिक अधिकार 3 (1) के तहत निस्तार, चारागाह, मत्स्य पालन व जलाशय, गौण वन उत्पादों के संग्रहण, सामुदायिक वन संसाधन, देव स्थल, जैव तथा सांस्कृतिक विविधता के अंतर्गत सामुदायिक वन अधिकार पत्र दिये जाते है। वहीं 3 (2) के तहत वन क्षेत्रों में विभिन्न सुविधाओं जैसे विद्यालय, औषधालय, आंगनबाड़ी, उचित मूल्य की दुकानें, विद्युत और दूरसंचार लाईने, जलापूर्ति, सामुदायिक केन्द्र इत्यादि के लिये वन अधिकार पत्र का वितरण होता है। आवेदन सर्वप्रथम ग्राम सभा में प्रस्तुत करना होता है। ग्राम सभा जिसका अनुमोदन कर अनुभाग स्तरीय समिति को भेजती है जहां से यह जिला स्तरीय समिति को अग्रेषित किया जाता है।