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एनटीपीसी ने बागवानी में काम कर रहीं 13 महिलाओं को नौकरी से खदेड़ा…

रायगढ़। एनटीपीसी लारा में बागवानी सम्हाल रही 13 ठेके पर कार्यरत महिलाओं को काम से निकालने का मामला प्रकाश में आया है। रोजगार छिनने से आर्थिक समस्या झेल रही त्रिवेणी महिला बहुद्देश्यीय सहकारी समिति मर्यादित ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर एनटीपीसी के खिलाफ शिकायत की है।

पुसौर विकासखंड के ग्राम छपोरा, आरमुड़ा और महलोई की तकरीबन दो दर्जन महिलाएं सोमवार दोपहर कलेक्ट्रेट पहुंची। जिलाधीश भीम सिंह के नाम अपर कलेक्टर रामाधार कुरुवंशी को सौंपे शिकायत पाती में त्रिवेणी महिला बहुद्देश्यीय सहकारी समिति मर्यादित (एनटीपीसी) छपोरा की अध्यक्ष फूलमती भूमिया और सचिव चंदा सारथी ने बताया कि वे पहले कोसाबाड़ी में काम करते थे। फिर 2013 से एनटीपीसी लारा टाऊनशिप में बागवानी काम के लिए 36 परिवार की एक-एक महिला यानी कुल 36 लोगों को रोजगार दिया गया। समिति की कुछ महिलाओं की उम्र 60 पार होने पर उनकी जगह उनके परिवार की 1 महिला सदस्य को बागवानी कार्य में रखा भी गया। वहीं, अब 36 में 13 महिलाओं को यह कहते हुए बागवानी कार्य से खदेड़ दिया गया कि अब वे इसके लायक नहीं हैं। चूंकि, बागवानी में खून-पसीना बहाने के बदले पीएफ और जीएफ राशि कटकर महिलाओं को प्रतिमाह लगभग 10 हजार रुपए मेहनताना मिलता था, मगर अब रोजगार छीन जाने से 13 सदस्यों के परिवार के समान रोजी-रोटी की समस्या खड़ी हो गई है। ऐसे में मुफलिसी की मार झेल रही महिलाओं ने प्रशासन से मांग की है कि वे एनटीपीसी द्वारा निकाली गईं उनकी कामगार साथियों को फिर से काम पर रखें, नहीं तो वे अंतिम सांस तक अपने हक की लड़ाई जारी रखेंगी। रोजगार की मांग को लेकर कलेक्ट्रेट पहुंची महिलाओं में सुकांति साव, फूल बाई, अहिल्या, सेवती, सुकांति चौहान, मिथिला, कांति, सहोद्रा, सीता बाई, माया, कुमारी बाई, हीरा बाई, कुन्तला और निद्रावती भी प्रमुख रूप से शामिल थीं।

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