छत्तीसगढ़रायगढ़

जिंदल के संपत्ति कर विवाद पर कमिश्नर ने राज्य सरकार से मांगा मार्गदर्शन…

रायगढ़। जेएसपी के संपत्ति कर को लेकर जारी विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। भले ही पिछले दिनों नगर निगम के सामान्य सभा की बैठक में इस मुद्दे पर बहस और निर्णय भी लिया जा चुका है। बावजूद इसके मसला पूरी तरह से नहीं सुलझा है। यही वजह है कि अब नगर निगम कमिश्नर ने इस मामले को लेकर नगरीय प्रशासन विभाग को पत्र लिखकर मार्गदर्शन मांगा है ताकि किसी भी निर्णय की स्थिति में हाईकोर्ट के समक्ष अवमानना की स्थिति निर्मित न हो सके।

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नगर निगम में 25 फरवरी को हुए परिषद की बैठक को लेकर नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के सचिव को लिखे गए पत्र में बताया गया है कि ग्राम पतरापाली 8 जून 2011 में नगर निगम की सीमा में सम्मिलित हुआ है जिसमें जिंदल स्टील एन्ड पावर लिमिटेड अवस्थित है। इस स्थल पर नगर पालिक अधिनियम 1956 की धारा 433 के साथ गठित धारा 138 के अधीन छत्तीसगढ़ नगर पालिका नियम 1997 के प्रावधानों के तहत वर्ष 2013-14 में तत्कालीन आयुक्त द्वारा अपने विवेक से औद्योगिक भूमि एवं भवन के लिए 35 व 65 रुपये प्रति वर्गफुट का दर प्रस्तावित करते हुए नवीन जोन क्रमांक 5 के लिए परिषद के समक्ष प्रस्तुत किया था। परिषद ने नवीन जोन क्रमांक 5 का निर्धारण करते हुए भवन का दर 40 रुपये प्रति वर्गफुट एवं भूमि का दर 25 रुपये प्रति वर्गफुट निर्धारित किया है। ग्राम पतरापाली के नगरीय सीमा में सम्मिलित होने के बाद वर्ष 2011-12 व 2012-13 में जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड द्वारा जोन 3 में निर्धारित दर पर संपत्ति कर निगम में जमा कराया गया है जबकि वर्ष 2013-14 से जोन 1 के लिए निर्धारित दर पर संपत्ति कर जमा कराया जाता रहा है। पत्र में आगे बताया गया है कि वर्ष 2016-17 में तत्कालीन आयुक्त द्वारा वर्ष 2013-14 में परिषद द्वारा जोन 5 के लिए निर्धारित दर जिंदल स्टील एन्ड पावर लिमिटेड के संपत्तिकर का निर्धारण करते हुए छग नगर पालिक अधिनियम 1956 की धारा 173 के अंतर्गत बिल नोटिस जारी किया गया जिस पर जिंदल स्टील ने छग उच्च न्यायालय में रिट पिटिशन दायर की गई, जहां 5 दिसंबर 2017 को हाईकोर्ट ने नगर पालिक अधिनियम के प्रावधानों के तहत पुन: विचार करने का आदेश जारी किया। हाईकोर्ट से पारित आदेश के अनुपालन के लिए छग नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा 133 ख और 415 के अनुसार परिषद द्वारा निर्धारित दर के परित्याग के लिए संचालक नगरीय प्रशासन विभाग को पत्र प्रेषित किया गया। जिसके संदर्भ में संचालनालय ने 9 जुलाई 2019 को पत्र लिखकर छत्तीसगढ़ नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धाराएं 138 से 148 के प्रकाश में मेसर्स जिंदल की आपत्तियों को नजर में रखते हुए मांग पत्र के वैधानिक औचित्य का बिंदुवार परीक्षण कर त्रुटि होने पर नया मांग पत्र जारी करने का निर्देश जारी किया। इसके बाद संचालनालय से प्राप्त निर्देशानुसार तत्कालीन आयुक्त ने कार्रवाई करते हुए जिंदल स्टील एन्ड पावर लिमिटेड के संपत्तियों के क्षेत्रफल का सत्यापन के लिए दल का गठन किया गया है। गठित दल द्वारा सत्यापित संपत्तियों के क्षेत्रफल के आधार पर जिंदल स्टील ने संशोधित स्व विवरणी पत्रक प्रस्तुत किया गया है जिसमें पुन: उनके द्वारा परिषद द्वारा वर्ष 2013-14 में औद्योगिक क्षेत्र के लिए निर्धारित दर से भिन्न दर वर्तमान में प्रचलित जोन 1 व 3 के लिए निर्धारित वार्षिक भाड़ा मूल्य के अनुसार संपत्तिकर के दर निर्धारण का अधिकार परिषद में सन्निहित होने के कारण जिंदल द्वारा प्रस्तुत स्व विवरणी पत्रक को आयुक्त के द्वारा मेयर इन काउंसिल के सहमति से प्रकरण परिषद के समक्ष प्रस्तुत किया गया।

परिषद ने जोन 5 तहत ही दर निर्धारण का लिया है निर्णय…

पत्र में आगे बताया गया है कि परिषद की बैठक 25 फरवरी में परिषद के समक्ष सभी तथ्यों को अवगत कराया गया और हाईकोर्ट के आदेशानुसार निगम द्वारा निर्धारित जोन 5 के वार्षिक भाड़ा मूल्य के दरों को पुनर्विचार करने का अनुरोध किया गया किन्तु परिषद द्वारा सर्वसम्मति से वर्ष 2013 में परिषद द्वारा पारित जोन 5 में उल्लेखित दर अनुसार ही सम्पत्तिकर निर्धारण का निर्णय लिया गया है। परिषद द्वारा पारित निर्णय से हाईकोर्ट में अवमानना की स्थिति निर्मित हो रही है। वर्ष 2013-14 से वर्तमान तक के प्रचलित कलेक्टर गाइड लाइन के दरों के आधार पर मेसर्स जिंदल स्टील का क्षेत्र में व्यावसायिक व आवासीय वार्षिक भाड़ा मूल्य दर निर्धारित किया जाना उचित प्रतीत होता है। कमिश्नर ने इन सभी तथ्यों से अवगत कराते हुए प्रकरण में आवश्यक मार्गदर्शन देने की बात कही है जिससे हाईकोर्ट के समक्ष अवमानना की स्थिति निर्मित न हो।

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